ड्रैगन की धौंस के खिलाफ भारत के साथ खड़े हुए अमेरिका-इंग्लैंड के सांसद, जानिए क्या कहा?

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के सीमा विवाद के बीच ड्रैगन की ओर से दी जा रही धौंस के खिलाफ अमेरिका और इंग्लैंड के सांसद भारत के साथ खड़े होकर एकजुटता दिखाई है. ब्रिटिश सांसदों ने भारत के साथ सीमा विवाद में चीन के 'धौंस भरे व्यवहार' और कोविड-19 की देर से घोषणा किये जाने को लेकर संसद में चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही सांसदों ने चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की आंतरिक समीक्षा किए जाने का आग्रह किया है. उधर, अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के मामले में भारत के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई है. उन्होंने कहा कि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह बीजिंग से डरेगा नहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2020 9:55 PM

वाशिंगटन/लंदन : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के सीमा विवाद के बीच ड्रैगन की ओर से दी जा रही धौंस के खिलाफ अमेरिका और इंग्लैंड के सांसद भारत के साथ खड़े होकर एकजुटता दिखाई है. ब्रिटिश सांसदों ने भारत के साथ सीमा विवाद में चीन के ‘धौंस भरे व्यवहार’ और कोविड-19 की देर से घोषणा किये जाने को लेकर संसद में चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही सांसदों ने चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की आंतरिक समीक्षा किए जाने का आग्रह किया है. उधर, अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के मामले में भारत के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई है. उन्होंने कहा कि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह बीजिंग से डरेगा नहीं.

इंग्लैंड में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद इयान डंकन स्मिथ ने शिनजियांग प्रांत में उइगर अल्पसंख्यक समुदाय के साथ चीनी सरकार के ‘दुर्व्यवहार’ का मुद्दा सोमवार शाम को हाउस ऑफ कॉमन्स में जरूरी विषय के रूप में उठाया. स्मिथ ने सवाल किया कि मानवाधिकारों पर चीनी सरकार के भयावह रिकॉर्ड, हांगकांग में स्वतंत्रता पर हमला, दक्षिण चीन सागर से भारत तक के सीमा विवादों में उसका धौंस भरा व्यवहार, मुक्त बाजार को संचालित करने वाले नियमों की अवहेलना, कोविड-19 की देर से घोषणा आदि को देखते हुए क्या सरकार अब चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की आंतरिक समीक्षा शुरू करेगी.

एशिया मामलों के लिए ब्रिटिश मंत्री निगेल एडम्स ने यह कहते हुए जवाब दिया कि ब्रिटेन सरकार विभिन्न मुद्दों पर अपनी चिंताओं को नियमित रूप से चीन के साथ उठाती रही है. विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद स्टीफन किन्नॉक ने भी अपने लोगों और पड़ोसी देशों के प्रति चीन के व्यवहार को लेकर मंत्री पर दबाव डाला.

एडम्स ने अपने जवाब में कहा कि ब्रिटेन इन मुद्दों पर ‘बहुत सक्रिय’ रहा है और द्विपक्षीय रूप से तथा संयुक्त राष्ट्र में सभी चिंताओं को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि शिनजियांग प्रांत में सक्रिय ब्रिटिश कंपनियों को उचित ध्यान देने को कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी आपूर्ति शृंखला में मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं हो.

उधर, अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के मामले में भारत के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह बीजिंग से डरेगा नहीं. रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से बात की और चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के मामले में भारत के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की. फ्लोरिडा के सीनेटर ने ट्वीट किया कि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह बीजिंग से डरेगा नहीं.

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वहीं, सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैक्कोनेल ने एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरी बार चीन पर आरोप लगाया कि उसने भारत के खिलाफ आक्रामकता की है. इससे पहले सीनेटर टॉम कॉटन ने भी भारत के खिलाफ हिंसक रवैये को लेकर चीन की निंदा की थी. शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर ने कहा था कि चीन ने जापानी क्षेत्रों में अपनी पनडुब्बी घुसपैठ और भारत के साथ उच्च स्तर पर हिंसक झड़पों को फिर से शुरू कर दिया है.

Posted By : Vishwat Sen

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