क्या अमेरिका में जारी हिंसा (US Capitol Violence) पर चीन और रूस मजे ले रहे हैं ? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम पर फ़्लोरिडा के सीनेटर मार्को रूबियो का बयान आया है. हालांकि उन्होंने अमेरिकी राजधानी में हुई हिंसा की कड़ी शब्दों में आलोचना की है लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि आज रूस और चीन जैसे देश हमारा मजाक उड़ा रहे होंगे. ये देश इस घटना को यह बताने के लिए इस्तेमाल करेंगे कि अमेरिका उतार पर पहुंच चुका है.
आपको बता दें कि अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई. इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 15 दिनों के लिए वाशिंगटन में इमरजेंसी लगा दी गई है. इस हिंसा के कारण राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई है.
संसद में चली गोली : बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सदस्य बुधवार को इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल इमारत में घुस गए और फायरिंग कर दी. प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गये. पुलिस ने मामले में 52 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी. इन हालात में प्रतिनिधिसभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया. पुलिस उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले गई.
कैपिटल के भीतर गोली मारी गई : समाचार चैनल ‘सीएनएन’ ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता के हवाले से एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि एक महिला को कैपिटल के भीतर गोली मारी गई थी जिससे उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के हमले में कई अधिकारी घायल भी हुए हैं. बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगाने का काम किया गया है. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए.
हालात काबू में : सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों पर करीब चार घंटे के बाद काबू पाया. इस हिंसा पर उन्होंने कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती करने का काम किया गया था.
Posted By : Amitabh Kumar