यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ( USCBP ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में उन्होंने कुछ आंकड़ों का जिक्र किया है. आंकड़ों की मानें तो, फरवरी 2019 और मार्च 2023 के बीच कम से कम 1.49 लाख भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़े गए थे, ऐसा होना एक गंभीर सच्चाई को दुनिया के सामने उजागर करता है कि अमेरिकी सपना भारतीयों को काफी लुभावना लग रहा है जिसकी वजह से ये खतरनाक तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर रहे हैं जिस वजह से कईयों की मौतें भी हो रही है. बता दें बॉर्डर क्रॉस करते समय जिन्हें पकड़ा जा रहा है उनमें से अधिकतर गुजरात और पंजाब के नागरिक हैं. इस बात की जानकारी गुजरात के ही एक पुलिस अधिकारी ने दी है.
रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में, 5,459 भारतीयों को अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया था. इनमें से 708 को अमेरिका-कनाडा सीमा पर पकड़ा गया था. वहीं, ये आंकड़े जनवरी 2023 में संख्या 35.9 प्रतिशत बढ़कर 7,421 हो गई. इनमें से यूएस-कनाडा सीमा पर किए गए 2,478 डिटेंशन शामिल हैं. जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार भारतीयों को या तो उत्तर में कनाडा से या दक्षिण में मैक्सिको से सीमा पार करने के 2,663 कोशिशों के दौरान हिरासत में लिया गया था. भारतीय एजेंसियों और गुजरात पुलिस की माने तो, अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने के लिए हिरासत में लिए गए लोगों में से केवल 2 प्रतिशत भारतीय हैं. लेकिन, शायद ही कुछ को डिपोर्ट किया गया था.
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बता दें कईयों को मानवीय आधार पर भी शरण मिल जाती है. यूनाइटेड स्टेट्स के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका 2017 के बाद से शरणार्थियों के लिए दुनिया का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन रहा है. यहां तक कि जो लोग कोर्ट में हार जाते हैं वे वर्षों तक टिके रह सकते हैं जबकि, उनके मामले एक बैकलॉग सिस्टम के माध्यम से समाप्त हो जाते हैं. जबकि, अन्य कम भाग्यशाली थे. अहमदाबाद से 44 किमी दूर डिंगुचा गांव के चार लोगों के एक परिवार के कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर ठंड से जम जाने के बाद मौत के बाद गुजरात पुलिस राज्य में सक्रिय संगठित मानव तस्करों पर नकेल कस रही है. मौत की यह इकलौती घटना नहीं है, बॉर्डर क्रासिंग के दौरान एक गुजराती व्यक्ति की उस समय मौत हो गई जब वह और उसकी पत्नी अपने तीन साल के बेटे के साथ यूएस-मैक्सिको बॉर्डर पर “ट्रम्प वॉल” पर चढ़ गए. इस मामले में अमेरिकी बॉर्डर एजेंटों ने महिला और बच्चे को बचा लिया था.