अमेरिका में गर्भपात कराने पर लगी कानूनी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया 50 साल पहले का फैसला
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले के रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलट दिया है. कोर्ट के नए फैसले के बाद अमेरिका में महिलाओं को गर्भपात के लिए मिलने वाला संवैधानिक संरक्षण समाप्त हो जाएगा.
वाशिंगटन : अमेरिका में गर्भपात कराने पर अब कानूनी तौर पर रोक लग सकती है. अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले रो बनाम वेड मामले में दिए गए एक फैसले को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के बाद अमेरिका में गर्भपात के लिए महिलाओं को मिलने वाले संवैधानिक संरक्षण को समाप्त का दिया गया है. सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद अमेरिका के आधे राज्यों में गर्भपात पर पूरा प्रतिबंध लग सकता है. उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने देश के महिलाओं को भरोसा दिया है कि वह गर्भपात के संवैधानिक संरक्षण को बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.
गर्भपात पर मिलने वाला संवैधानिक संरक्षण समाप्त
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले के रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलट दिया है. कोर्ट के नए फैसले के बाद अमेरिका में महिलाओं को गर्भपात के लिए मिलने वाला संवैधानिक संरक्षण समाप्त हो जाएगा. इससे अमेरिका के करीब आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लग सकती है. यह फैसला कुछ साल पहले तक अकल्पनीय था. सुप्रीम कोर्ट का फैसला गर्भपात विरोधियों के दशकों के प्रयासों को सफल बनाने वाला है.
मसौदा लीक होने के महीने भर बाद आया फैसला
जस्टिस सैमुअल अलिटो की एक मसौदा राय के आश्चर्यजनक ढंग से लीक होने के एक महीने से अधिक समय बाद यह फैसला आया है. इस फैसले के संबंध में एक महीने पहले न्यायाधीश की यह मसौदा राय लीक हो गई थी कि अदालत गर्भपात को मिले संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर सकती है. मसौदा राय के लीक होने के बाद अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर आए थे.
अदालती फैसला अमेरिकियों की राय के खिलाफ
अदालत का फैसला अधिकतर अमेरिकियों की इस राय के विपरीत है कि 1973 के रो बनाम वेड फैसले को बरकरार रखा चाहिए, जिसमें कहा गया था कि गर्भपात कराना या न कराना, यह तय करना महिलाओं का अधिकार है. इससे अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था. सैमुअल अलिटो ने शुक्रवार को आए फैसले में लिखा कि गर्भपात के अधिकार की दोबारा पुष्टि करने वाला 1992 का फैसला गलत था, जिसे पलटा जाना चाहिए.
राष्ट्रपति जो बाइडन ने महिलाओं को दिया भरोसा
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने महिलाओं को भरोसा देते हुए कहा कि वह उन राज्यों में गर्भपात संबंधी नियमों के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी क्षमतानुसार हरसंभव प्रयास करेंगे, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की ओर से गर्भपात की संवैधानिक सुरक्षा को खत्म करने के बाद बाइडन का यह बयान सामने आया है. बाइडन ने कहा कि राजनेताओं को उन फैसलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो एक महिला और उसके चिकित्सक के बीच होगा.
जो बाइडन ने अदालती फैसले को गलत कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अदालती फैसले को गलत करार दिया है. उन्होंने गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा की वकालत करने वालों से अपील की कि वे केवल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करें. बाइडन ने व्हाइट हाउस से संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन अदालत और देश के लिए एक दुखद दिन है. उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर दूं कि पूरे देश में महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में है. बाइडन ने कहा कि अदालत ने कुछ ऐसा किया है, जो पहले कभी नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अदालत ने अमेरिकी जनता को अचानक एक संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया.
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ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को सराहा
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की. उन्होंने ‘फॉक्स न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि यह फैसला प्रत्येक व्यक्ति के हित में है. उन्होंने कहा कि यह फैसला संविधान का पालन और अधिकारों को बहाल करने जैसा है, जो बहुत पहले आ जाना चाहिए था. उधर, इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बाहर विरोध-प्रदर्शन की आशंका के चलते पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. पुलिस का कहना है कि वाशिंगटन में अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जा रहा हैं और ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है, जहां व्यापक विरोध-प्रदर्शन होने की आशंका है.