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अमेरिकी अधिकारी बोले- भारत-अमेरिका संबंध को वैश्विक शांति एवं अर्थव्यवस्था के लिए अहम मानते हैं बाइडन

राष्ट्रपति बाइडन का मानना है कि हमारे दो महान लोकतंत्रों के बीच संबंध वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक लचीलेपन के लिए आवश्यक है. पिछले साल भारत की यात्रा करने वाली ताइ ने कहा कि उन्होंने उस यात्रा के दौरान देश की जीवंत संस्कृति का वास्तविक रूप देखा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2022 9:20 AM

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत-अमेरिका संबंध, वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक लचीलेपन के लिए आवश्यक है. बाइडन की शीर्ष व्यापार वार्ताकार कैथरीन ताइ ने यह बात कही है. उन्होंने कहा कि मुश्किल मुद्दों पर काम करने के लिए दोनों देश अब बेहतर स्थिति में हैं. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ताइ ने सोमवार को भारत के स्वतंत्रता दिवस पर इंडिया हाउस में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा.

भारत का इन मामलों में मुकाबला करना मुश्किल- ताइ

ताइ ने कहा कि, राष्ट्रपति बाइडन का मानना है कि हमारे दो महान लोकतंत्रों के बीच संबंध वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक लचीलेपन के लिए आवश्यक है. पिछले साल भारत की यात्रा करने वाली ताइ ने कहा कि उन्होंने उस यात्रा के दौरान देश की जीवंत संस्कृति का वास्तविक रूप देखा था. उन्होंने कहा, हालांकि, मैं हमेशा दुनियाभर में हमारे महत्वपूर्ण व्यापार साझेदारों के बीच तुलना करने से हमेशा बचती हूं लेकिन मैं यह मानूंगी कि भारतीय आतिथ्य सत्कार का मुकाबला करना मुश्किल है.

मतभेदों के बावजूद भारत-अमेरिका की चुनौतियां एक जैसी

उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका अपने मतभेदों के बावजूद 21वीं सदी में आगे बढ़ते हुए एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारे नेता एक साथ मिलकर उन चुनौतियों से निपटने के लिए स्पष्ट रूप से पहले से ज्यादा प्रतिबद्ध हैं और मुझे इसका हिस्सा बनकर खुशी है.

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मुश्किल मुद्दों पर काम करने की क्षमता अब और बेहतर

अमेरिका की शीर्ष अधिकारी ने कहा, वस्तु एवं सेवाओं में हमारा द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है और 2021 में यह 160 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. साथ ही मुश्किल मुद्दों पर काम करने की हमारी क्षमता पहले के मुकाबले कहीं अधिक बेहतर है. इस मौके पर उनके साथ बाइडन प्रशासन के कई वरिष्ठ सदस्य भी शामिल हुए. इसके अलावा अंतरिक्ष यात्री और नासा की उप-प्रशासक, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित डॉ. विलियम डी फिलिप्स तथा राज सुब्रह्मण्यम तथा पुनीत रंजन समेत अमेरिका-भारत सीईओ मंच के कई सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

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