China Taiwan Tension: अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने शुक्रवार को कहा कि चीन, अमेरिकी अधिकारियों को ताइवान की यात्रा करने से रोककर स्व-शासित द्वीप को अलग-थलग नहीं कर सकता. उन्होंने अपनी एशियाई यात्रा के अंतिम चरण में तोक्यो में यह टिप्पणी की. पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद ताइवान की यात्रा की है. वह 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं.
Our Pres has his communication with Chinese Pres. We're 2 big countries & have to have communication among us…If we don't speak out for human rights in China because of commercial interests, we lose all moral authority to speak about human rights anywhere in world: Nancy Pelosi pic.twitter.com/6BWrbBKn5V
— ANI (@ANI) August 5, 2022
यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि यहां हमारा प्रतिनिधित्व ताइवान के एशिया में यथास्थिति को बदलने के लिए नहीं है. यह ताइवान संबंध अधिनियम, US-चीन नीति, सभी कानूनों और समझौतों के बारे में है. हम चाहते हैं कि ताइवान स्ट्रेट में स्थापित करते और शांति कायम रहे. उन्होंने कहा, चीन ने हमले किए, शायद हमारी यात्रा को एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया. उन्होंने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की है.
पेलोसी ने आगे कहा कि चीन ताइवान को अन्य स्थानों पर जाने या भाग लेने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन वे हमें वहां यात्रा करने से नहीं रोक सकते. हम उन्हें ताइवान को अलग-थलग करने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने कहा, चीन सरकार हमारी यात्रा कार्यक्रम तय नहीं कर सकते.
इधर ताइवान के पास चीन ने शुक्रवार को युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने 100 से अधिक लड़ाकू विमान ताइवान के सीमा के आस- पास उड़ाया है. चीन 7 अगस्त तक ताइवान के आस पास युद्धभ्यास करेगा. जापान ने भी चीन के इस युद्धभ्यास पर आपत्ति जताई है.
पेलोसी ने बुधवार को ताइपे में कहा था कि स्व-शासित द्वीप तथा दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता अटल है. पेलोसी और कांग्रेस के पांच अन्य सदस्य सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के बाद गुरुवार देर रात तोक्यो पहुंचे.
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गौरतलब है कि ताइवान पर अपना दावा जताने वाले चीन ने पेलोसी की यात्रा को उकसावा बताया था और गुरुवार को ताइवान के आसपास के छह क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था. उसने धमकी दे रखी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा जमा लेगा.
(भाषा- इनपुट के साथ)