अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आठ चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के दिये आदेश
US President, Donald Trump, ordered, ban, eight Chinese apps : वाशिंगटन : अमेरिका और चीन के बीच तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और हमला किया है. अमेरिका ने अलीबाबा ग्रुप के अलीपे समेत चीन के आठ सॉफ्टवेयर पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 45 दिन बाद प्रभावी होने के आदेश पर हस्ताक्षर किये.
वाशिंगटन : अमेरिका और चीन के बीच तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और हमला किया है. अमेरिका ने अलीबाबा ग्रुप के अलीपे समेत चीन के आठ सॉफ्टवेयर पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 45 दिन बाद प्रभावी होने के आदेश पर हस्ताक्षर किये.
US President Donald Trump (in file photo) has signed an executive order, banning transactions with 8 Chinese software applications, including Ant Group’s Alipay, a senior administration official said: Reuters pic.twitter.com/Rai21HT1xh
— ANI (@ANI) January 5, 2021
रायटर के हवाले से एएनआई ने बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को आंट ग्रुप यानी अलीबाबा ग्रुप के अलीपे सहित आठ चीनी सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों के साथ लेन-देन पर प्रतिबंध लगानेवाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किये. इसके परिणामस्वरूप हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन के पदभार ग्रहण करने से पहले ही बीजिंग के साथ तनाव बढ़ रहा है.
यह आदेश हस्ताक्षर किये जाने के 45 दिनों बाद प्रभावी होगी और कार्रवाई शुरू की जायेगी. प्रतिबंधित किये गये चीनी ऐप में अलीपे, कैमस्कैनर, क्यूक्यू वॉलेट, शेयरइट, टेंसेंट क्यूक्यू, वीमेट, वीचैट पे और डब्ल्यूपीएस शामिल हैं.
ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) समेत हांगकांग और मकाऊ में विकसित या नियंत्रित ऐप संयुक्त राज्य अमेरका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बने हुए हैं. चीन से जुड़े सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों द्वारा उत्पन्न खतरे पर रोक के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए.
ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, चीनी ऐप पर बैन लगाने का कारण बताया है कि इन ऐप को डाउनलोड करनेवालों की संख्या बहुत ज्यादा है. इससे लाखों-करोड़ों लोगों की निजी जानकारी के लीक होने का खतरा है. अधिकारी के मुताबिक, ऐप बैन करने का मकसद चीन की डेटा हड़पने वाली रणनीति पर हमला करना है.