वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पिछले हफ्ते इरान (Iran) के परमाणु ठिकानों पर हमला करना चाहते थे. उन्होंने अपने अधिकारियों से इस बारे में विकल्प पर विचार करने को कहा था. हालांकि बाद में अधिकारियों और सहयोगियों के मना करने के बाद ट्रंप ने अपने पैर पीछे खींच लिये. हमले का मुख्य केंद्र नतांज था, जहां इरान यूरेनियम का संवद्धन करता है. इस हमले को रोकने के लिए ट्रंप को उप राष्ट्रपति माइक पेंस और रक्षामंत्री क्रिस्तोफर मिलर ने कहा था.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह ओवल ऑफिस में हुई बैठक में डोनाल्ड ट्रंप ने इरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के विकल्पों के बारे में पूछा था. इस पर ट्रंप के सलाहकारों ने ऐसा विनाशकारी कदम नहीं उठाने की सलाह दी थी. अधिकारियों ने कहा था कि इस हमले से बेवजह विवाद काफी बढ़ सकता है. हमले के दुष्परिणामों पर विचार के बाद हमले को टाल दिया गया था.
बता दें कि मार्च 2019 में भी ट्रंप ने इरान पर हवाई हमला करने की योजना बनाई थी. इसे उन्होंने हमले के ठीक 10 मिनट पहले रोक दिया था. उस समय इरान ने एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था. इससे बौखलाए ट्रंप ने इरान पर हवाई हमले की योजना बनायी थी. उस समय दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव देखा जा रहा था. इरान ने भी अमेरिका को हमले की चेतावनी दी थी.
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बुधवार को एक रिपोर्ट दी थी कि ईरान के यूरेनियम भंडार काफी तेजी से बढ़े हैं. ये भंडार परमाणु समझौते के तहत अनुमति से 12 गुना तक बढ़ चुके हैं. अब जानकारों का कहना है कि अगर ट्रंप प्रशासन अपने अंतिम दिनों में किसी भी देश पर हमले जैसी कोई योजना बनाता है तो नये राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए मुसीबत बढ़ जायेगी. हालांकि ट्रंप ने अभी तक बाइडेन से हार स्वीकार नहीं की है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 15 जनवरी तक अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या लगभग आधी करके 2,500 तक कर सकता है. अमेरिका के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. ट्रंप का इस साल के अंत तक सभी सैनिकों को वापस बुलाने का लक्ष्य हालांकि फिर भी पूरा नहीं हो पायेगा. पेंटागन द्वारा इराक से भी अपने 500 से अधिक सैनिकों को वापस बुलाने और वहां भी अपने सैनिकों की संख्या 2,500 तक करने की संभावना है. यह सब ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी कुछ सप्ताह में किया जायेगा.
Posted By: Amlesh Nandan.