Corona vaccine : देश-दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर के बीच रोजाना तेजी से लाखों की संख्या में नए लोगों के संक्रमित होने की खबरों के बीच एक बहुत बड़ी राहत की बात अमेरिका से आई है. उसने दुनियाभर के देशों को भरोसा दिया है कि कोरोना का प्रतिरोधी टीका एस्ट्राजेनेका की 6 करोड़ खुराक उसे जल्द ही मिलने वाला है.
अमेरिका ने कहा है कि उसने कोरोना के इस टीके की 6 करोड़ खुराक दुनिया के देशों में सप्लाई करने की योजना बनाई है. यह बात दीगर है कि अभी अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने एस्ट्राजेनेका की मंजूरी नहीं दी है. बावजूद इसके दुनिया के कई देशों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति ने सोमवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि अमेरिका दुनिया के दूसरे देशों के साथ कोरोना टीका एस्ट्राजेनेका साझा करने की घोषणा करता है. 6 करोड़ खुराकें उपलब्ध होने पर उन्हें साझा किया जाएगा. कोविड प्रबंधन को लेकर व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार एंडी स्लेविट ने भी ऐसा ही ट्वीट किया है.
पिछले महीने व्हाइट हाउस ने टीके की करीब चार करोड़ खुराकें कनाडा और मैक्सिको में सप्लाई की थीं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने साफ करते हुए बताया कि आगामी कुछ हफ्ते में एस्ट्राजेनेका की ये खुराकें उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल, हमारे पास एस्ट्राजेनेका टीके की खुराकें उपलब्ध नहीं हैं.
साकी ने कहा कि हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि एफडीए को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा की जरूरत क्यों पड़ी? हम एफडीए की मंजूरी मिलने के बाद लगभग एक करोड़ खुराकें तैयार होने की उम्मीद करते हैं. अगले कुछ हफ्ते में ऐसा हो सकता है. अभी नहीं. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 5 करोड़ खुराकें उत्पादन के विभिन्न चरणों में हैं. इनके मई और जून तक सभी चरण पूरे कर लिए जाने की उम्मीद है.
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य तथा कोरोना वायरस संकट को लेकर सदन की उप प्रवर समिति के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने बयान जारी कर भारत, अर्जेंटीना और अन्य अत्यधिक प्रभावित देशों के साथ इन टीकों को साझा करने की जरूरत पर जोर दिया, जहां कोरोना मामलों में भारी और घातक वृद्धि देखी गई है. वहीं, अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई ने एस्ट्राजेनेका और फाइजर के नेतृत्व के साथ डिजिटल बैठक कर उत्पादन बढ़ाने और कोरोना महामारी के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (टीआरआईपीएस) को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समझौते के कुछ प्रावधानों में छूट का प्रस्ताव रखा.
व्हाइट हाउस ने कहा कि अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने बाइडन प्रशासन से डब्ल्यूटीओ में इस कदम का समर्थन करने आग्रह किया है, ताकि कोरोना के टीकों को टीआरआईपीएस में छूट मिल सके. भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने कहा कि अमेरिका में टीकाकरण जारी है, लेकिन 100 से अधिक देश अपनी आबादी को टीके लगाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हम खड़े रहकर सबकुछ नहीं देख सकते. हमें दूसरे देशों को लाइसेंस देने के लिए फाइजर और मॉडर्ना पर दबाव बढ़ाना चाहिए, ताकि वे देश भी टीकों का विकास कर सकें.
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Posted by : Vishwat Sen