वाराणसी SCO की पहली सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी बनेगा, बीजिंग में बोले महासचिव झांग मिंग
एससीओ आठ देशों की सदस्यता वाला एक आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं.
बीजिंग: युगों से भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकी प्रस्तुत करने वाले पवित्र शहर वाराणासी को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया जायेगा. एससीओ के महासचिव झांग मिंग ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी. एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है.
SCO 8 देशों की सदस्यता वाला आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन
एससीओ आठ देशों की सदस्यता वाला एक आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. झांग ने कहा कि नयी पहल के तहत वारणसी वर्ष 2022-23 के लिए एससीओ की सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी बनेगा. इसके तहत सदस्य देशों को बारी-बारी से मौका मिलेगा.
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संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा
यह पहल 8 सदस्य देशों में लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है. उन्होंने कहा, ‘हम बारी-बारी से मौका देने की प्रणाली लागू करने वाले हैं. हम सदस्य देशों के लिए बारी-बारी से ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ का खिताब देंगे.’
सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी का खिताब वाराणसी को
उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह खिताब भारत के प्राचीन शहर वाराणसी को दिया जायेगा. झांग ने यहां मीडिया से कहा कि इस पहल के तहत हर साल बारी-बारी से सदस्य देश के किसी सांस्कृतिक विरासत वाले शहर को, जो अध्यक्षता करेगा, को यह खिताब दिया जायेगा, ताकि उसका महत्व बढ़े.
समरकंद में एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन
उन्होंने इस साल 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में होने वाले एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन से पहले संगठन की नयी पहल पर प्रकाश डाला. नयी पहल समरकंद शिखर सम्मेलन के बाद लागू होगी, जिसके बाद भारत अध्यक्षता का पदभार संभालेगा और अगले राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
भारत ने 2020 में एससीओ के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक की मेजबानी की
भारत ने इसके पहले वर्ष 2020 में एससीओ के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक की मेजबानी की थी. वरिष्ठ चीनी राजनयिक झांग ने कहा कि एससीओ के सदस्य देश एक बार कोविड-19 यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने के बाद लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों पर विचार कर रहे थे.
पर्यटकों के लिए वीजा मुक्त नीति की घोषणा
उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान ने भारत और अन्य देशों के पर्यटकों के लिए वीजा मुक्त नीति की घोषणा की है, उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्यों के पास पर्यटन के संबंध में समृद्ध संसाधन हैं जिन्हें तलाशा जाना चाहिए.