Vijay Mallya extradition : हजारों करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोपी शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने की कोशिश की जा रही है लेकिन इसमें अभी और वक्त लग सकता है. माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन हाई कमीशन ने कहा कि अभी इस दिशा में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है, हालांकि इसे गोपनीय बताते हुए इस मुद्दे की जानकारी नहीं दी गयी. माल्या वर्तमान में ब्रिटेन (United kingdom) में भारत के प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के उच्चायोग (हाई कमिशन) के प्रवक्ता ने कहा कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण की व्यवस्था करने से पहले गोपनीय कानूनी मुद्दे को हल करने की जरूरत है. यही कारण है कि अभी उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जायेगा.
बता दें कि किंगफिशर एयरलाइन की स्थापना करने वाले विजय माल्या मार्च 2016 में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना करने के बाद से फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है. माल्या की अपील को ब्रिटिश हाईकोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया था. इसके बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द माल्या को भारत लाया जायगा. लंदन हाईकोर्ट ने विजय माल्या की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाजत देने वाली याचिका भी खरिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए क्योंकि उसने बैंकों को धोखा दिया है. लेकिन कुछ कानूनी प्रक्रिया के कारण माल्या को जल्द भारत लाने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है.
जब ऐसा माना जा रहा था कि विजय माल्या को कभी भी भारत लाया जा सकता है तब ब्रिटेन के अधिकारियों ने जो कहा है उससे एक बार फिर पेंच फंसता दिख रहा है. इस बीच माना जा रहा है कि यह राजनीतिक शरण के आवेदन से संबंधित है. माल्या के लिए प्रत्यर्पण से बचने का यह आखिरी रास्ता हो सकता है. और वो यह तरीका अपना सकता है.
टीओआई के मुताबिक, विजय माल्या को मुंबई ऑर्थर रोड जेल में रखने की पूरी तैयारी हो गई है. उसे जल्दी ही भारत लाने की खबर भी आ गई थी, लेकिन आखिरी वक्त में पेंच फंस गया. यूके के सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण पर पिछले महीने आखिरी मुहर लगा दी थी. उसके बाद भारत को 28 दिनों के अंदर सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए माल्या को वापस लाना है. चूंकि यूके कोर्ट का फैसला 14 मई को ही आया था, ऐसे में भारत के पास अब सिर्फ एक सप्ताह का वक्त है. यूके उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला बेहद गोपनीय है. उन्होंने कहा, हम नहीं बता सकते कि बाकी की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने में कितना समय लगेगा. ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कानूनी प्रक्रिया की अड़चनों के कारण प्रत्यर्पण पर हस्ताक्षर नहीं की है.
माल्या कई बार दावा कर चुका है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने कई बार पूरा पैसा लौटाने की पेशकश की है, लेकिन भारत सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. इससे पहले माल्या के निजी सहायक ने टीओआई को बताया कि वह अपने प्रत्यर्पण से संबंधित किसी भी घटनाक्रम से अनजान हैं. माल्या ने टीओआई से कहा कि केवल वो लोग ही जानते हैं कि वो क्या कहते हैं!. इससे पहले बुधवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने खबर दी थी कि माल्या को भारत लाए जाने को लेकर सभी औपचारिकताएं पुरी कर ली गई हैं और किसी भी समय भारत के हवाले किया जा सकता है.
Posted By: Utpal kant