लंदन : भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या के अधिवक्ता ने शुक्रवार को लंदन उच्च न्यायालय को बताया कि 65 वर्षीय उनके मुवक्किल ने गृहमंत्री प्रीति पटेल के समक्ष शरण की गुहार लगायी है. जब तक गृहमंत्री कोई निर्णय नहीं ले लेतीं, तब तक प्रत्यर्पण के लिए इंतजार करना होगा.
यही कारण है कि ब्रिटेन की अदालत द्वारा कंपनी किंगफिशर एयलाइंस के संबंध में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपित शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किये जाने के बावजूद उसे वापस नहीं भेजा गया है.
मालूम हो कि धोखाधड़ी की साजिश रचने और धन उगाही के आरोपों का सामना करने के लिए पिछले साल मई माह में ही भारत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था.
ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने भारत के अनुरोध को पिछले साल अक्तूबर माह में खारिज कर दिया था. विजय माल्या अभी जमानत पर है. जब तक कि प्रीति पटेल विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर नहीं कर देतीं.
इधर, ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण किये जाने के आदेश पर अमल करने को लेकर गोपनीय कानूनी प्रक्रिया चल रही है.
विजय माल्या के बैरिस्टर फिलिप मार्शल ने उच्च न्यायालय को बताया कि ”प्रत्यर्पण प्रक्रिया बरकरार है. लेकिन, विजय माल्या ने ब्रिटेन में रहने के लिए गृह मंत्री प्रीति पटेल से गुहार लगायी है.”
फिलिप मार्शल ने उच्च न्यायालय को बताया कि प्रत्यर्पण अनुरोध के बावजूद एक और मार्ग है कि आप राज्य के सचिव के पास आवेदन कर सकते हैं. इसका तात्पर्य है कि आप वापस नहीं जायेंगे.
मालूम हो कि 1993 के सूरत बम विस्फोट के मास्टरमाइंड टाइगर हनीफ को भी ब्रिटेन में शरण दी गयी थी. इसीलिए भारत में उसका प्रत्यर्पण साल 2019 में रद्द कर दिया गया था.