Bangladesh: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर आरक्षण प्रणाली मेंं सुधार करने की मांग कर रहे हैं. आरक्षण के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया है. पुलिस के साथ झड़प में छह लोगों की मौत हो गई है, वहीं 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं. हालात इतने खराब हो गये हैं कि ढाका सहित बांग्लादेश के चार बड़े शहरों में स्कूल, कॉलेज और मदरसे को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है.
विस्फोट से बसों में लगी आग
बांग्लादेश में देशभर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय के परिसर में रात भर हिंसा भड़कने के बाद अधिकारियों ने मंगलवार को स्कूल कॉलेज को बंद करने का आदेश दिया है. देश के शिक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के दायरे में आने वाले सभी स्कूल, कॉलेज, मदरसे और पॉलिटेक्निक संस्थान छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए अगले आदेश तक बंद रहेंगे. शहर में जगह-जगह पर सन्नाटा छाया हुआ है. एक दिन पहले ही प्रदर्शनकारियों ने विस्फोट के जरिए बसों में आग लगा दी है. कई शहरों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई है. छात्रों का कहना है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली बड़े पैमाने पर सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन रोक रही है.
क्या है मौजूदा आरक्षण प्रणाली
बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण मिलता है. वहीं महिलाओं के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है. इसके अलावा 10 फीसदी आरक्षण अलग-अलग जिलों के लिए तय है. एथनिक माइनोरिटी जैसे संथाल, पांखो, त्रिपुरी, चकमा और खासी के लिए 6 फीसदी कोटा है. हिंदुओं के लिए अलग आरक्षण नहीं है. इन सभी आरक्षणों को जोड़कर बांग्लादेश में 56 फीसदी आरक्षण है और सिर्फ 44 फीसदी मेरिट के लिए रखा गया है.