रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे. रूस में हुए जमनत संग्रह में रूसी जनता ने अगले 16 वर्षों के लिए रूस की सत्ता ब्लादमीर पुतिन को सौंप दी है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि रूस में संविधान में संशोधन के लिए जनमत संग्रह कराया गया था. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक, बैलेट की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और अब तक आए नतीजों में संविधान में संशोधन के पक्ष में 78 फीसदी वोट पड़े हैं. जबकि 21 फीसदी वोट विरोध में पड़े हैं. 98 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है. हालांकि विपक्ष ने आरोप लगाया है कि चुनाव के दौरान पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. बता दें कि पुतिन का मौजूदा छह साल का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है. रूस के संविधान में राष्ट्रपति पद के लिए दो कार्यकाल की सीमा तय है, इसलिए 2024 के बाद पुतिन को सत्ता से बाहर होना पड़ता.
इससे पहले जब रूस के प्रधानमंत्री समेत पुतिन की पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया था. उस वक्त यह कयास लगाये जा रहे थे कि पुतिन कोई बड़ा उलटफेर करने वाले हैं. पर जब जनमत संग्रह हो चुका है तब यह कहा जा रहा है कि संविधान संशोधन की प्रक्रिया को आसान करने के लिए पुतिन की पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया था. जनमत संग्रह कराने के लिए पहले 22 अप्रैल की तारीख तय हुई थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे टालना पड़ा था. जनमत संग्रह, पुतिन को राष्ट्रपति के दो कार्यकाल सौंपने की इजाजत देने के साथ- साथ करीब 200 अन्य संशोधन के लिए कराया गया था. इसमें गारंटी पेंशन और समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध जैसे मुद्दे शामिल रहे.
Also Read: ड्रैगन की धौंस के खिलाफ भारत के साथ खड़े हुए अमेरिका-इंग्लैंड के सांसद, जानिए क्या कहा?
पूर्व केजीबी अफसर ब्लादमीर पुतिन ने वर्ष 1999 में बोरिस येल्तसिन के इस्तीफा देने के बाद पहली बार राष्ट्रपति पद संभाला था. स्टालिन के बाद पुतिन एक ऐसे नेता हैं जिनके नाम पर लंबे समय तक सत्ता में बने रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. पुतिन 1999 से 2008 और 2012 से अब तक रूस के राष्ट्रपति रहे हैं. वह 1999 में और 2008-12 तक रूस के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं. 67 वर्षीय पुतिन अगर 2036 तक रूस की सत्ता में काबिज रहते हैं तो उस वक्त उनकी उम्र 83 साल होगी. बता दे कि रूस का संविधान राष्ट्रपति को लगातार बस दो कार्यकाल की ही इजाजत देता है. पर संविधान संशोधन के जरिये अब इसमें बदलाव किया जा सकेगा.
Posted By: Pawan Singh