रूस पर मंडरा रहा गृह युद्ध का खतरा फिलहाल के लिए टल चुका है. प्राइवेट सेना वैगनर ग्रुप समझौते के बाद यूक्रेन वापस लौट रही है. उसके चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने अपनी सेना को पीछे हटने का आदेश दे दिया है. अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि सैन्य तख्तापलट की धमकी के महज 12 घंटे के अंदर ही वैगनर को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा.
वैगनर ग्रुप के साथ क्या हुआ समझौता
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने दावा किया है वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के साथ समझौते के बाद रूस पर संकट खत्म हुआ. समझौते के तहत अब प्रिगोझिन अब बेलारूस के लिए रवाना होंगे और उनके और उनके लड़ाकों के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए जाएंगे. बेलारूस के राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर पुतिन के साथ पहले चर्चा की उसके बाद प्रिगोझिन के साथ एक समझौते पर बातचीत की. लुकाशेंको के कार्यालय ने कहा कि प्रिगोझिन एक प्रस्तावित समझौते के तहत अपने सैनिकों की वापसी पर सहमत हुए. उन्होंने कहा कि समझौते में वैग्नर सैनिकों के लिए सुरक्षा गारंटी भी शामिल है.
वैगनर ग्रुप के चीफ ने क्या कहा?
निजी रूसी सैन्य बल वैगनर के प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपने सैनिकों को मॉस्को की तरफ बढ़ने से रुकने और यूक्रेन में अपने फील्ड शिविरों में लौटने का आदेश दिया है, ताकि रूसी लोगों का खून न बहे. प्रीगोझिन ने कहा कि जब उनके लोग मॉस्को से सिर्फ 200 किलोमीटर (120 मील) दूर थे, तो उन्होंने उन्हें वापस भेजने का फैसला किया.
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वैगनर आर्मी ग्रुप को खत्म करने के लिए तैयार थी रूसी सेना
वैगनर आर्मी ग्रुप की बागवत के बाद रूसी सेना ने भी कमर कस ली थी. मॉस्को ने अपने दक्षिणी किनारे पर बख्तरबंद वाहनों और सैनिकों के साथ चौकियां स्थापित कर वैगनर से निपटने की तैयारी कर ली थी.
बगावत के बाद पुतिन ने दी थी वैगनर ग्रुप को खत्म करने की चेतावनी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इससे पहले निजी सेना वैगनर ग्रुप के सशस्त्र विद्रोह की घोषणा को विश्वासघात और रूस की पीठ में छुरा घोंपने वाला कदम करार दिया था. पुतिन ने कहा था कि बगावत की साजिश रचने वालों को कठोर सजा दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा था कि विद्रोह की साजिश रचने वाले सभी लोगों को कठोर सजा भुगतनी होगी. हालांकि इस बीच मीडिया में ये भी खबर आयी कि वैगनर ग्रुप के आगे बढ़ने को देखते हुए पुतिन रूस से भाग गये थे. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पायी.