नयी दिल्ली: बीते 25 मई को अमेरिका के मिनेसोटा प्रांत के मिनियोपॉलिस शहर में अश्वेत नागरिक की मौत हो गयी. मरने वाले नागरिक का नाम जॉर्ज फ्लायड था. फ्लायड की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई थी क्योंकि एक पुलिसकर्मी ने अपने घुटने से उसकी गर्दन को 9 मिनट से भी ज्यादा वक्त तक दबाये रखा था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि फ्लायड कोरोना संक्रमित भी था.
डेरेक शॉविन नाम का पुलिसकर्मी मुख्य आरोपी
जिस पुलिसकर्मी ने जॉर्ज फ्लायड की गर्दन को अपने घुटने से दबाया था, उसका नाम डेरेक शॉविन है. फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका बीते कई दिनों से जल रहा है. लोग यहां श्वेत लोगों द्वारा अश्वेत नागरिकों के साथ की जा रही हिंसा के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
अमेरिका के इन शहरों में जारी हिसंक प्रदर्शन
अमेरिका के न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस, वाशिंगटन डीसी, शिकागो और मिनियापॉलिस शहर में पुलिस औऱ प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं. हिंसा और आगजनी की तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. प्रदर्शनों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि लोग सड़कों से हट जायें अन्थया कार्रवाई के लिये अतिरिक्त पुलिस बल के साथ-साथ सेना की मदद भी ली जायेगी. हालांकि ट्रंप के इस बयान की काफी निंदा हुई. कई शहरों में प्रदर्शन और भी उग्र हो गया.
इस बीच एक बड़ा सवाल लोगों के मन में है कि, आखिर जॉर्ज फ्लायड की मौत का जिम्मेदार पुलिस ऑफिसर डेरेक शॉविन का क्या हुआ.
डेरेक समेत 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया
जानकारी के मुताबिक फ्लायड की मौत के जिम्मेदार डेरेक शॉविन समेत तीन और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इन सबके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. डेरेक शॉविन के खिलाफ पहले थर्ड डिग्री मर्डर के साथ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया था. लेकिन अब शॉविन के खिलाफ सेकेंड डिग्री मर्डर का भी केस दर्ज किया गया है.
शॉविन पर लगा है सेकेंड डिग्री मर्डर का चार्ज
सेकेंड डिग्री मर्डर की धाराओं का मतलब है कि हत्या गुस्से में या जज्बाती होकर की गयी है. इस धारा में दोषी साबित होने पर 40 साल तक की सजा हो सकती है. अन्य तीन पुलिसकर्मियों थॉमस लेन, जे एलेक्सेंडर और टाउ थाओ के खिलाफ हत्या में मदद करने और उसे बढ़ावा देने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
फ्लायड के परिवार के वकील बेन्यामिन क्रंप ने कहा कि हम शुक्रगुजार हैं कि फ्लायड के अंतिम संस्कार से पहले ही अहम एक्शन लिया जा रहा है. वहीं परिवार वालों की मांग है कि फ्लायड के हत्यारों के खिलाफ फर्स्ट डिग्री मर्डर की धारायें लगाई जायें.
फिलहाल डेरेक को इस मिनेसोटा राज्य के ओक पार्क हाइट्स जेल में रखा गया है. इसके पहले उसे कई अलग-अलग जेलों में रखा गया था.
अमेरिकी सीनेट में पेश किया गया नया बिल
इसी बीच अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रेट्स नेताओं ने एक बिल पेश किया है. इसमें प्रस्ताव दिया गया है कि इस प्रकार के अपराध के मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को सरल बनाया जाये. क्योंकि अब तक ऐसे मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ा एक्शन नहीं लिया जाता था.
प्रत्येक साल मारे जाते हैं 1200 अश्वेत नागरिक!
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर साल पुलिसकर्मियों के हाथों 1200 से ज्यादा अश्वेत नागरिकों की जान जाती है. लेकिन 99 फीसदी मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया जाता. प्रदर्शनकारियों को उम्मीद है कि यदि नया बिल सीनेट में पास हो जाता तो दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जायेगा. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता इस बिल का समर्थन करेंगे या नहीं.
इधर मिनेसोटा के सीनेटर एमी क्लोबूचर ने कहा कि डेरेक शॉविन के खिलाफ जो धारायें लगाई गयी हैं, वो इस तरीके के मामले में न्याय की दिशा में बड़ा कदम है.
जॉर्ज फ्लायड से जुड़ा पूरा घटनाक्रम क्या था
चलते चलते इस पूरे घटनाक्रम पर एक निगाह डाल लेते हैं. ये पूरी घटना 25 मई की दोपहर की है. जॉर्ज फ्लायड अपने कुछ दोस्तों के साथ एक किराना शॉप में पहुंचा. सिगरेट खरीदी और 20 डॉलर का नोट शॉपकिपर को दिया. शॉपकिपर का आरोप है कि नोट जाली थी. उसने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी. पुलिसकर्मी वहां आये और फ्लायड को कार से उतरने को कहा. लेकिन फ्लायड ने मना कर दिया. इसी बात को लेकर बहस हुई.
‘आई कान्ट ब्रीद’ क्यों बन गया लोगों का नारा
बाद में पुलिसकर्मियों ने फ्लायड को कार से उतारा और हथकड़ी लगा दी. फ्लायड इसका विरोध कर रहा था. तभी एक पुलिसकर्मी ने उसे जमीन पर लिटा दिया और गर्दन पर अपना घुटना रख दिया. पूरे 9 मिनट तक पुलिसकर्मी फ्लायड की गर्दन को इसी तरह दबाये रहा. इस दौरान आसपास खड़े लोग पुलिसकर्मी से फ्लायड को छोड़ने की गुहार लगाते रहे. फ्लायड भी इस दौरान कहता रहा कि, प्लीज आई कान्ट ब्रीद. यानी कि मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. आखिरी के कुछ मिनटों में जॉर्ज फ्लायड निष्क्रिय हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां 1 घंटे बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया.
इसके बाद से ही अमेरिका के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. जॉर्ज फ्लायड द्वारा कहे गये आखिरी शब्द आई कान्ट ब्रीद प्रदर्शनकारियों का नारा बन गया है…