US Elections: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय मूल की महिला उम्मीदवार, जानिए कौन हैं कमला हैरिस

जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी से खुद को पीछे खींच लिया है और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को चुनाव के लिए अपना समर्थन दिया है. कमला हैरिस अमेरिका में काफी प्रसिद्ध हैं और अमेरिका की पहली भारतवंशी अश्वेत उपराष्ट्रपति हैं. इन्हें फीमेल ओबामा भी कहा जाता है.

By Prerna Kumari | July 22, 2024 12:36 PM

US Elections: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से अपना कदम पीछे खींच लिया है. उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के हटने का ऐलान करते हुए कहा है कि- यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित के लिए है. बाइडेन ने अपनी जगह भारतीय मूल की कमला हैरिस को समर्थन दिया है. कमला हैरिस वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं. उन्हें फीमेल ओबामा भी कहा जाता है. राष्ट्रपति जो बाइडेन के समर्थन मिलने के बाद कमला हैरिस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह लिखा है कि- मैं राष्ट्रपति का समर्थन पाकर खुश हूं, अब मेरा सिर्फ एक ही लक्ष्य है इस चुनाव को जितना.

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उपराष्ट्रपति बनने की कहानी

कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला, पहली भारतवंशी, पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति हैं. इन्हें फीमेल ओबामा कहा जाता है. नवंबर 2020 में अपनी जीत के बाद अपने भाषण में हैरिस ने बताया था कि उनकी दिवंगत मां श्यामला गोपालन भारतीय मूल की एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं. उन्होंने यह भी कहा था कि वह उपराष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाली पहली महिला हो सकती हैं, लेकिन अंतिम नहीं.

कौन हैं कमला हैरिस

कमला हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को हुआ था. इनकी मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से US बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करके US बर्कले आए थे और यहीं पढ़ाई के दौरान उनके माता-पिता की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलन में भाग लेने के दौरान इन दोनों ने विवाह करने का फैसला लिया.

भारत से जुड़ी रहीं हैरिस

कमल और उनकी बहन माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी विरासत पर गर्व सिखाया. वह भारतीय संस्कृति से गहरी तरह से जुड़ी हुई हैं. हैरिस ने अपनी आत्मकथा ”द ट्रुथ्स वी होल्ड” में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा. लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए हैं कि कैंसर रिसर्चर और मानव अधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को ‘श्यामला एंड द गर्ल्स’ के नाम से जाना जाता है.

अमेरिका में भी है इनकी काफी लोकप्रियता

हावर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. 2003 में वह सैनफ्रांसिस्को कि अभियोजक बनीं. 2010 में वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला बनीं. 2017 में हैरिस कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं. हैरिस ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं.

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