India को क्यों नहीं मिल रहा वीटो पॉवर, अमेरिका या चीन किसने रोका है UNSC में एंट्री का रास्ता ?

India: भारत की स्थायी सदस्यता के रास्ते में एक और बड़ी रुकावट 'यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस' (UfC) समूह है. यह समूह बिना वीटो अधिकार के स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है.

By Aman Kumar Pandey | September 24, 2024 11:04 AM

India: भारत कई वर्षों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council)  में स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन इस रास्ते में कई बाधाएं हैं जो उसकी मंजिल को कठिन बना रही हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे सुरक्षा परिषद के चार स्थायी सदस्य भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन चीन इस राह में सबसे बड़ी रुकावट है. भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद और चीन का भारत को अपना क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी मानना इसके विरोध की मुख्य वजह हैं. चीन नहीं चाहता कि भारत उस उच्च मंच पर पहुंचे जहां उसकी खुद की मजबूत पकड़ है.

इसे भी पढ़ें: Israel-Hezbollah War : लेबनान में इजराइल ने बरसाए बम, 492 की मौत, 2006 के बाद सबसे बड़ा पलायन

भारत की स्थायी सदस्यता के रास्ते में एक और बड़ी रुकावट ‘यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस’ (UfC) समूह है. यह समूह बिना वीटो अधिकार के स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है. उनका मानना है कि सुरक्षा परिषद में अधिक गैर-स्थायी सदस्यों को शामिल किया जाए ताकि निर्णय प्रक्रिया में विविधता आए. हालांकि, भारत का मत है कि नए स्थायी सदस्यों को भी वीटो अधिकार मिलना चाहिए, और यही मुद्दा दोनों पक्षों के बीच टकराव का कारण बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें: EPFO पेंशन योजना में बड़े बदलाव की तैयारी, कर्मचारियों को मिल सकता है पेंशन फंड में PF राशि बदलने का विकल्प

अमेरिका ने किया भारत का समर्थन लेकिन संदेह बरकरार

अमेरिका ने सैद्धांतिक रूप से भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है, लेकिन व्यवहारिक रूप से उसकी नीति कुछ हद तक संदेहास्पद है. कई अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि भारत हमेशा पश्चिमी देशों के हितों के अनुरूप नहीं चलता, जिसके चलते उसे एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में नहीं देखा जाता. यह विचार अमेरिका की नीतियों में अस्थिरता का कारण बनता है.

इसे भी पढ़ें: Gold Price Today: महंगा हो गया सोना, जानें आज क्या चल रही है कीमत

UNSC में भारत के एंट्री केलिए चीन सबसे बड़ा रोड़ा

भारत को क्षेत्रीय चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है, जो उसकी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता की राह में बाधा बन रही हैं. चीन के साथ प्रतिद्वंद्विता और पड़ोसी देशों में बढ़ती अस्थिरता ने भारत की स्थायी सदस्यता की मांग को और कठिन बना दिया है. बांग्लादेश में हाल के राजनीतिक बदलावों ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत की स्थिति पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जिससे उसकी क्षेत्रीय भूमिका पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.

इसे भी पढ़ें: UP में एक और एनकाउंटर, चलती ट्रेन से RPF कांस्टेबलों को फेंकने वाले बदमाश को STF ने मार गिराया

भारत को कैसे मिल सकती है UNSC में परमानेंट मेंबरशिप

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति को और मजबूत करना होगा. इसके लिए भारत को कई घरेलू मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है, जैसे मानव विकास सूचकांक में सुधार, आर्थिक असमानता को कम करना, और आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ बनाना. अगर भारत अपनी आंतरिक कमजोरियों को सुधार लेता है, तो यह बदलाव न केवल उसके लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लाभदायक सिद्ध हो सकता है.

इसे भी पढ़ें: Supreme Court : वैवाहिक दुष्कर्म मामले में पति को मिली कानूनी छूट होगी खत्म? सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई आज

Next Article

Exit mobile version