Wildlife : इस महीने की 15 तारीख (15 फरवरी) को विश्व पैंगोलिन दिवस है. यह दिवस हर वर्ष फरवरी के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पैंगोलिन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उसके संरक्षण के लिए किये जाने वाले प्रयासों में तेजी लाना है. ऐसा करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि पैंगोलिन दुनिया में सबसे अधिक अवैध रूप से तस्करी किये जाने वाले जंगली स्तनपायी यानी Mammal हैं. इस कारण इसकी कुछ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं.
- हर पांचवे मिनट एक पैंगोलिन का शिकार किया जाता है.
- शिकारियों द्वारा हर वर्ष 27 लाख अफ्रीकी पैंगोलिन को मार दिया जाता है.
- वर्ष 2019 में 14 टन पैंगोलिन के शल्क (पैंगोलिन के स्केल्स) की खेप जब्त की गयी थी. अनुमान है कि ये शल्क 36,000 पैंगोलिन से उतारे गये थे.
इस कारण होता है शिकार
पैंगोलिन के मांस और शल्क की दुनियाभर में अत्यधिक मांग है. इस मांग ने पैंगोलिन को विलुप्त होने के कगार पर धकेल दिया है. पैंगोलिन के मांस को एक महंगा व्यंजन माना जाता है, जबकि उसके शल्क और शरीर के अन्य अंगों का उपयोग पारंपरिक दवाओं में किया जाता है.
पैंगोलिन के प्रकार
दुनियाभर में पैंगोलिन की आठ प्रजातियां पायी जाती हैं- फिलीपीनी पैंगोलिन, सुंडा पैंगोलिन, चीनी पैंगोलिन, भारतीय पैंगोलिन, टेमिंक पैंगोलिन, व्हाइट बिल्ड यानी सफेद चोंच वाला पैंगोलिन, ब्लैक बिल्ड यानी काली चोंच वाला पैंगोलिन और जायंड ग्राउंड पैंगोलिन. आइयूसीएन के अनुसार, उपरोक्त में से छह प्रजातियां लुप्तप्राय हैं.
भारत में यहां पाया जाता है यह स्तनपायी
भारतीय पैंगोलिन (मैनिस क्रैसिकौडेटा) और चीनी पैंगोलिन (एम पेंटाडैक्टाइला), जो पैंगोलिन की आठ प्रजातियों में से दो हैं, भारत में पाये जाते हैं. भारतीय पैंगोलिन केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाये जाते हैं. यह प्रजाति भारत के साथ-साथ नेपाल, श्रीलंका और भूटान में भी पायी जाती है. वहीं चीनी पैंगोलिन उत्तरी भारत के साथ-साथ नेपाल, भूटान, उत्तर-पूर्व बांग्लादेश और दक्षिण चीन में पाये जाते हैं.
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- दुनिया का सबसे बड़ा पैंगोलिन जायंट ग्राउंड पैंगोलिन है. इसका वजन लगभग 33 किलोग्राम हो सकता है और कुल लंबाई 180 सेमी.
- सबसे छोटे पैंगोलिन- ब्लैक बिल्ड पैंगोलिन- का वजन मात्र 3.4 किलोग्राम होता है.
- इसका शल्क केरेटिन से बना होता है. यह वही पदार्थ होता है जिससे मनुष्य का नाखून बना होता है.
- यह स्तनधारी एक उत्कृष्ट कीट नियंत्रक भी होता है. एक पैंगोलिन वार्षिक रूप से सात करोड़ कीटों को खा सकते हैं.