Donald Trump comments on Panama Canal: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों के चलते चर्चा में हैं. पदभार संभालने से पहले उन्होंने ग्रीनलैंड, कनाडा और पनामा नहर को अमेरिका में शामिल करने जैसे विवादित बयान दिए हैं. इन टिप्पणियों ने जहां अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बहस छेड़ी है, वहीं रूस के लिए यह फायदेमंद मानी जा रही हैं.
रूसी टीवी शो “द इवनिंग विद व्लादिमीर सोलोविओव” में होस्ट व्लादिमीर सोलोविओव ने ट्रंप के इन बयानों को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नीतियों के साथ जोड़ा. उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप अमेरिका की सीमाएं बढ़ाने की बात कर सकते हैं, तो रूस फिनलैंड, बाल्टिक और अलास्का जैसे क्षेत्रों को वापस लेने का दावा क्यों नहीं कर सकता?
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रूस के टीवी चैनलों और विश्लेषकों ने ट्रंप की इन टिप्पणियों का स्वागत किया है. रूसी मीडिया के मुताबिक, ट्रंप के बयान 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे को वैध ठहराने और रूस की यूक्रेन पर बढ़ती दावेदारी को समर्थन देने जैसे हैं. ट्रंप ने पहले भी क्रीमिया पर पुतिन की कार्रवाई को “प्रतिभाशाली कदम” बताया था.
रूसी टीवी होस्ट दिमित्री किसेलेव ने दावा किया कि ट्रंप की क्षेत्रीय विस्तार की नीति जमीन पर कब्जे को सामान्य बनाने का संकेत देती है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर नैतिक विरोध नहीं जताया, बल्कि केवल इसकी लागत और समय पर सवाल उठाए. ट्रंप के बयानों ने वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक बहस को बढ़ावा दिया है, जिससे रूस की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को बल मिल सकता है.
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