शरिया कानून के तहत महिलाओं को अधिकार मिलेंगे, किसी से बदला नहीं, तालिबान ने जारी किया पहला संदेश
तालिबान ने अपना पहला आधिकारिक बयान जारी करते हुए महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की बात कही है. महिलाओं को पढ़ाई का अधिकार दिया जायेगा, लेकिन उन्हें इस्लामिक कानून के अंदर रहना होगा. सभी को माफी दी जायेगी.
तालिबान ने प्रमुख मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए काबुल में अपनी पहली आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आधिकारिक बयान के तहत भेजा गया संदेश यह है कि तालिबान 2.0 विनम्र और सुलह करने वाला है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सम्मेलन को संबोधित किया और दोहराया कि दो दशक पहले सत्ता में रहे तालिबान से यह तालिबान अलग होगा. यहा सजा पर जोर नहीं होगा.
बयान में कहा गया कि तालिबान पूर्व सैनिकों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिशोध की मांग नहीं करेगा. पूर्व सैनिकों के साथ-साथ ठेकेदारों और अनुवादकों के लिए माफी देगा, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय बलों के लिए काम किया था. प्रवक्ता ने कहा, विपरीत पक्ष के सभी लोगों को ए से जेड तक माफ कर दिया जायेगा. हम बदला नहीं लेंगे.
तालिबान 1.0 और तालिबान 2.0 के बारे में कहा गया कि यदि प्रश्न विचारधारा और विश्वासों पर आधारित है, तो 1996 और 2001 के दौरान तालिबान के बीच कोई अंतर नहीं है, लेकिन यदि अनुभव, परिपक्वता और अंतर्दृष्टि पर गणना की जाए, तो निस्संदेह कई अंतर हैं.
महिला अधिकार पर तालिबान ने कहा कि महिलाओं को काम करने और अध्ययन करने की अनुमति दी जायेगी और समाज में बहुत सक्रिय होगी लेकिन इस्लाम के ढांचे के भीतर. शरिया कानून के तहत महिलाओं को मिले अधिकारों की रक्षा की जायेगी. तालिबान किसी भी संघर्ष, किसी युद्ध को फिर से दोहराना नहीं चाहता. वे संघर्ष के कारकों को दूर करना चाहते हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान को अन्य देशों पर हमले के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा, जैसा कि 9/11 से पहले के वर्षों में था. हम प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करेंगे क्योंकि मीडिया रिपोर्टिंग समाज के लिए उपयोगी होगी और नेताओं की त्रुटियों को ठीक करने में मदद करेगी.
तालिबान ने कहा कि राज्य या निजी स्वामित्व वाली मीडिया के लिए काम करने वाले पत्रकार अपराधी नहीं हैं और उनमें से किसी पर भी मुकदमा नहीं चलाया जायेगा. हमारे विचार में, ये पत्रकार नागरिक हैं और इसके अलावा, प्रतिभाशाली युवा हैं जो हमारी समृद्धि का गठन करते हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.