पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान का वीडियो वायरल (Imran Khan Viral Video) हो रहा है. इसमें उन्होंने 1 किलो घी के दाम बताते हुए 600 अरब (1 Kilo ghee in 600 billion) लिया है. उनका यह वीडियो वायरल होने के बाद तमाम तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. @ShafiqAhmadAdv3 ने रिप्लई किया- ‘ये नशा क्यों नहीं छोड़ देता.’ इसके जवाब में @nailainayat ने Bollywood Actor Aamir Khan का ‘नशा है प्यार का नशा है का गाना शेयर किया है.’
Buy 1 kg ghee in 600 billion rupees. 🤡 pic.twitter.com/60gKujPMZ9
— Naila Inayat (@nailainayat) February 15, 2023
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
एक दिन पहले ही पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने निर्वाचन आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन से जुड़े एक मामले की सुनवाई में शामिल होने में विफल रहने पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत बुधवार को खारिज कर दी थी. इस फैसले के बाद खान की गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं ने पिछले साल प्रतिबंधित वित्तपोषण मामले में पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) द्वारा खान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन किया था.
आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत एक मामला
बीते साल अक्टूबर में, पुलिस ने आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत एक मामला शुरू किया था और मामले में पूर्व प्रधानमंत्री अंतरिम जमानत पर थे. बुधवार को, इस्लामाबाद में आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास ने टिप्पणी की कि खान को अदालत में पेश होने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे. वहीं खान के वकील बाबर अवान ने अपनी दलीलों में अदालत से आग्रह किया कि खान को व्यक्तिगत रूप से पेशी से एक बार की छूट दी जाए क्योंकि खान पिछले साल के हमले के बाद से अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाये हैं.
खान को पेश होने का आदेश दिया
जज ने याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और यह कहते हुए खान को पेश होने का आदेश दिया कि अदालत खान जैसे “शक्तिशाली व्यक्ति” को ऐसी कोई राहत नहीं दे सकती है जो एक आम व्यक्ति को नहीं दी जाती है. अंतत: न्यायाधीश ने अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 70 वर्षीय खान को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने का खतरा उत्पन्न हो गया है. वहीं, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने एक बैंकिंग अदालत को पीटीआई के खिलाफ प्रतिबंधित वित्तपोषण संबंधी संघीय जांच एजेंसी के मामले में खान की जमानत याचिका पर कोई निर्देश पारित करने से रोक दिया.
लाभार्थियों के रूप में मामला दर्ज
पिछले साल ईसीपी ने पीटीआई के खिलाफ वित्तपोषण मामले में फैसला सुनाया था कि पार्टी को प्रतिबंधित वित्तपोषण मिला था. बाद में, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने खान और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ पीटीआई खाते के हस्ताक्षरकर्ता/लाभार्थियों के रूप में मामला दर्ज किया था, जहां धन जमा किया गया था.