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फेसबुक ने कड़े तेवर दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया में न्यूज शेयर करने पर लगाई पाबंदी, सरकार ने की निंदा

Facebook Australia News Ban फेसबुक ने गुरुवार को कड़े तेवर दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया में न्यूज शेयर करने पर पाबंदी लगा दी है. सोशल मीडिया कंपनी के इस कदम से सरकार, मीडिया और शक्तिशाली प्रौद्योगिकी कंपनियों के बीच तकरार बढ़ गई है. ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक पर न्यूज शेयर किए जाने के एवज में मीडिया संस्थानों को भुगतान किये जाने के संबंध में एक प्रस्तावित कानून के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए इस कंपनी ने यह कदम उठाया है. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने फेसबुक के इस कदम की निंदा की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2021 10:04 PM

Facebook Australia News Ban फेसबुक ने गुरुवार को कड़े तेवर दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया में न्यूज शेयर करने पर पाबंदी लगा दी है. सोशल मीडिया कंपनी के इस कदम से सरकार, मीडिया और शक्तिशाली प्रौद्योगिकी कंपनियों के बीच तकरार बढ़ गई है. ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक पर न्यूज शेयर किए जाने के एवज में मीडिया संस्थानों को भुगतान किये जाने के संबंध में एक प्रस्तावित कानून के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए इस कंपनी ने यह कदम उठाया है. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने फेसबुक के इस कदम की निंदा की है.

सरकार के एक मंत्री ने इसे संप्रभु राष्ट्र पर हमला करार दिया है. फेसबुक ने आपात सेवाओं के बारे में संदेश सहित कुछ सरकारी संवाद तथा कुछ वाणिज्यिक पेज को भी ब्लॉक कर दिया है. ऑस्ट्रेलियाई समाचार संस्थान अपनी खबर फेसबुक पर पोस्ट नहीं कर पा रहे हैं और जो लोग खबर साझा करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें यह नोटिफिकेशन मिल रहा है कि वे इसके लिए ब्लॉक कर दिये गये हैं. वेबसाइट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रस्तावित कानून के जवाब में फेसबुक ने देश में न्यूज लिंक और न्यूज पेज से सभी तरह के पोस्ट किये जाने पर पाबंदी लगा दी है. वहीं, वैश्विक स्तर पर भी ऑस्ट्रेलियाई प्रकाशकों के न्यूज लिंक को पोस्ट और साझा करने पर पाबंदी है.

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अपने फेसबुक पेज पर इस कदम की निंदा की. उन्होंने पोस्ट किया, स्वास्थ्य एवं आपात सेवाओं से जुड़ी आवश्यक सूचना को रोकना अहंकारी और निराश करने वाला कदम है. उन्होंने कहा कि ये कदम इस बात की पुष्टि करते हैं कि क्यों ऐसे देशों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो बड़ी टेक कंपनियों के व्यवहार को लेकर चिंतित हैं. इन कंपनियों को लगता है कि वे सरकार से भी ज्यादा ताकतवर हैं तथा उन पर नियम कायदे लागू नहीं होते हैं. भले ही ये दुनिया में बदलाव ला रही हों, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे दुनिया पर हुक्म भी चलाएंगी. उन्होंने कहा कि हमारी संसद पर दबाव बनाने की बिगटेक से हम नहीं डरेंगे.

वहीं, वित्त मंत्री जोश फ्राइडेनबर्ग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने एक ऐसा विधेयक पारित किया है, जो फेसबुक और गूगल द्वारा ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारिता के लिए भुगतान करने का प्रावधान करता है. उन्होंने कहा कि फेसबुक ने यह कदम उठाने से पहले कोई चेतावनी नहीं दी. हालांकि, इस विधेयक के कानून का रूप लेने से पहले इसे संसद के उच्च सदन सीनेट द्वारा पारित किये जाने की जरूरत होगी. दरअसल, फेसबुक को इस बात का डर सता रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में जो कुछ हो रहा है, उसका अनुसरण अन्य देश भी करेंगे.

फ्राइडेनबर्ग ने कहा कि फेसबुक का यह कदम अनावश्यक था, वे सख्त रुख अपना रहे हैं और इससे उनकी ऑस्ट्रेलिया में छवि खराब होगी. फेसबुक ने कहा है कि प्रस्तावित कानून ने हमारे मंच और इसका इस्तेमाल करने वाले प्रकाशकों के बीच संबंध को जरा भी नहीं समझा है. स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने संसद में कहा कि यह एक संप्रभु राष्ट्र पर हमला है. यह लोगों की स्वतंत्रता पर हमला है, खासतौर पर यह बड़ी प्रौद्योगिकियों की बाजार शक्ति और प्रौद्योगिकी पर नियंत्रण का पूरी तरह से दुरूपयोग है.

सरकार ने फेसबुक पर आरोप लगाया है कि वह आपात सेवाओं के संदेश को अस्थायी तौर पर ब्लॉक कर जन सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, वह भी एक ऐसे दिन, जब देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है. संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने कहा कि उन्होंने फेसबुक से कहा है कि सरकार को अपने पेज तक पहुंच बहाल की जाए. उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य विभाग, दमकल सेवा और आपात सेवा के फेसबुक पेज ब्लॉक कर दिये गये हैं, यह जन सुरक्षा का मुद्दा है. गूगल और फेसबुक, दोनों ने ही धमकी दी है कि यदि ऑस्ट्रेलिया ने यह कानून बनाया तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश के मीडिया कारोबार को अपनी पत्रकारिता के लिए इन ऑनलाइन मंचों पर उचित रकम मिले. ऑस्ट्रेलिया में यदि यह नया कानून लागू हो जाता है तो डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां समाचारों के लिए अदा की जाने वाली रकम को लेकर होने वाली सौदेबाजी में वर्चस्व रखने वाली स्थिति में नहीं होंगी. वे यह पेशकश नहीं कर पाएंगी कि बस इतनी रकम ले लो, या नहीं मिलेगा.

फेसबुक ने प्रस्तावित न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड के प्रावधानों के तहत भुगतान करने के बजाय ऑस्ट्रेलिया में लोगों को अपने मंच पर खबरें साझा करने से रोकने की धमकी दी थी. वहीं, गूगल ने धमकी दी थी कि वह ऑस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंजन को हटा लेगा. इस बीच, फ्राइडेनबर्ग ने कहा कि फेसबुक द्वारा पेज ब्लॉक करने का कदम उठाये जाने के बाद उन्होंने उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग से बात की. मंत्री ने कहा कि जुकरबर्ग ने मुझसे कहा कि उन्हें प्रस्तावित कानून के प्रावधानों को लेकर कुछ चिंताएं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस कानून के लिए प्रतिबद्ध है. (इनपुट : भाषा)

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