CM Nitish: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हमला मामले में आरोपित 18 लोगों को साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने बरी कर दिया है. बताया जाता है कि सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय कुमारी विजया ने बुधवार को 18 आरोपित को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है. जिसमें समाजसेवी नागेंद्र सिंह त्यागी, भाजपा नेता बाबूलाल शौर्य, चंदन यादव उर्फ गोपाल, जनार्दन यादव, कमल किशोर यादव, विश्वजीत कुमार, सुजीत कुमार उर्फ कमांडो, मो.वशी आलम, चंदन उर्फ अमित कुमार, कुमार गौरव उर्फ गोरख यादव, किरण देव यादव, नंदकुमार उर्फ नंदन यादव, प्रशांत कुमार, शंकर कुमार उर्फ शंकर सिंह, चंद्रशेखर कुमार, सुनील कुमार मिश्र, विभूति कुमार सिंह, मोहन दास को साक्ष्य के अभाव में रिहा किया गया है. 12 वर्षों बाद इनलोगों को न्यायालय से न्याय मिला है.
वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री के काफिले पर हुआ था हमला
27 सितंबर 2012 को शहर के बलुआही एनएच 31, समाहरणालय एवं सभास्थल बाजार समिति में सीएम नीतीश कुमार को काला झंडा दिखाते हुए काफिले पर रोड़ा-पत्थर, गोलीबारी, समाहरणालय में तोड़फोड़ और आगजनी किया गया था. जहां पुलिस प्रदर्शनकारी के विरूद्ध शक्ति प्रयोग भी किए थे. जिसके बाद प्रदर्शनकारी को खदेड़कर शांत कराया गया. तत्कालीन एसडीओ सुभाषचन्द्र मंडल के आवेदन पर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुछ लोग अपनी समस्या से अवगत कराना चाह रहे थे. लेकिन अधिकारियों ने रोक दिया. जिससे आक्रोशित होकर काफिले पर हमला कर दिया.
नामजद व 600 अज्ञात के विरुद्ध हुई थी प्राथमिकी
मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला मामले में कुछ नामजद और 600 अज्ञात लोगों के विरुद्ध तत्कालीन एसडीओ सुभाषचन्द्र मंडल ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में 18 लोगों को बरी कर दिया.
बिहार की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
पूर्व विधायक रणवीर यादव और कृष्णा कुमारी को एमपीएमएलए कोर्ट ने किया दोषमुक्त
रंगदारी मांगने के मामले में निचली अदालत द्वारा पूर्व विधायक रणवीर यादव और जिप अध्यक्ष कृष्णा कुमारी के विरुद्ध सुनाई गयी सजा को अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय सह एमपीएमएलए कोर्ट कुमारी विजया ने रद्द कर दोष मुक्त कर दिया है. मालूम हो कि बीते 7 अक्टूबर 2023 को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम विभा रानी द्वारा पूर्व विधायक रणवीर यादव और जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव को नगर थाना कांड संख्या 637/2005 जीआर नंबर 1623/2005 में 3 वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया था. जिसके कारण राजनीतिक गलियारे में सनसनी चर्चा का विषय बना था. क्योंकि कृष्णा कुमारी यादव लोकसभा चुनाव 2024 में सबल प्रत्याशी मानी जा रही थी.
इसके लिए चुनाव लड़ने की मुकम्मल तैयारी कर रही थी. इसी बीच सजा होने पर जिला से लेकर राज्य के राजनीतिक में चर्चा का विषय बन गया था. जिसके कारण चुनाव से कृष्णा यादव को वंचित होना पड़ा था. इसी दौरान राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिला परिषद अध्यक्ष पद से निरस्त कर दिया गया था. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सजा पर रोक लगा दी गयी थी. जिसके आधार पर पटना उच्च न्यायालय से अध्यक्ष पद पर पुनः: बहाली कर दिया गया. न्यायालय के इस फैसले से रणवीर समर्थक में खुशी की लहर है.
इसे भी पढ़ें: कंटेनर में छिपाकर ले जा रही शराब को पुलिस ने किया बरामद