छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हो गई. इसमें सुरक्षा बलों ने नक्सली कैंप को ध्वस्त कर दिया और वहां से विस्फोटक बरामद किए. दूसरी तरफ, सुकमा जिले में दो नक्सलियों ने बृहस्पतिवार को सरेंडर कर दिया. दोनों पति-पत्नी हैं और सरकार ने इनके खिलाफ इनाम घोषित कर रखा था.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद एक नक्सली शिविर को ध्वस्त कर दिया. वहां से विस्फोटक बरामद किए. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के भोपालपटनम थाना क्षेत्र के अंतर्गत बारेगुड़ा गांव के जंगल में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद नक्सली शिविर को ध्वस्त कर दिया है.
उन्होंने बताया कि भोपालपटनम थाना क्षेत्र के अंतर्गत दम्मूर और बारेगुड़ा गांव के जंगल में नेशनल पार्क एरिया कमेटी के लगभग 25 नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर बुधवार को भोपालपटनम थाने से डीआरजी और महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले से सी-60 के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए भेजा गया.
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बुधवार की शाम लगभग साढ़े पांच बजे सुरक्षा बल के जवान जब बारेगुड़ा गांव के जंगल में थे, तभी नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लगभग 30 मिनट बाद सुरक्षा बल को भारी पड़ता देख नक्सली वहां से फरार हो गए.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बाद में जब घटनास्थल की तलाशी ली गई, तब वहां से विस्फोटक, डेटोनेटर, जिलेटिन छड़, माओवादी साहित्य, पिट्ठू बैग, टेंट लगाने का सामान और दैनिक उपयोग के अन्य सामान बरामद किए. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है.
इनामी नक्सली दंपती ने आत्मसमर्पण किया
छत्तीसगढ़ के एक और नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में इनामी नक्सली दंपती ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महिला नक्सली सोमे और उसके पति नंदा पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था.
उन्होंने बताया कि नक्सली सोमे जगरगुंडा में सक्रिय ‘लोकल ऑपरेशन स्क्वायड’ (एलओएस) की सदस्य रही तथा नंदा कोंटा में सक्रिय एलओएस का सदस्य था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने पूना नर्कोम अभियान ‘नयी सुबह, नयी शुरुआत’ से प्रभावित होकर तथा माओवादी नेताओं के भेदभावपूर्ण व्यवहार से तंग आकर हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है.
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उन्होंने बताया कि इन दोनों के खिलाफ जिले में कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी.