सुन लो कोरोना,भारतवासियों का ऐलान
सुन लो कोरोना , जान लो कोरोना ,तू मरेगा,तू मिटेगा ,
तुम्हे तुम्हारे पापों का दण्ड अवश्य मिलेगा ।
तुमने देश रोका,तुमने दुनियाँ रोकी ,
जहाज-विमान के साथ तुमने रेल भी रोकी ।
स्कूल,कॉलेज और युनिवर्सिटी में रुक गई पढ़ाई ,
विद्यार्थी ,शिक्षक एवं शिक्षाविदों पर तुम्हें जरा भी दया नहीं आई ।
तू मरेगा,तू मिटेगा ,
तुम्हे तुम्हारे पापों का दण्ड अवश्य मिलेगा ।
तू क्या समझता है — तू है सर्वशक्तिमान,
तेरा कभी नहीं होगा सत्यानाश ?
अरे, हमने तो प्लेग, हैजा,कोलोरा ,मलेरिया तथा पोलियो को किया पराजित,
तो तुम किस खेत की मूली है, जो तू नहीं होगा पराजित ।
तूने संक्रमण फैलाया ,हमने लॉकडाउन करके सेनटाईजिंग कराया ,
तूने कोरोना मरीज़ का आँकड़ा बढ़ाया ,हमने कॉरोनटाईन का दायरा बढ़ाया ।
तूने मौत का तांडव मचाया ,
हमने उपचार के तरीके सुझाया ।
कर लो करना है जितना करना है अत्याचार ,
हमारे डाक्टर ,नर्सेस और मेडिकल स्टाफ करते रहेंगे कोरोना मरीजों का उपचार ।
न रुकेंगे,,न थकेंगे लॉकडाउन का विस्तार करेंगें ,
तुम्हारी मौत तक इंतजार करेंगे ।
अब भी यदि तुम्हारे अंदर थोड़ी सी भी इंसानियत बची है , तो
जहाँ से तुम आये हो वहीँ चले जाओ.
हमें चैन से रहने दो,हमें चैन से जीने दो ।
तुम्हें तो सभी बच्चे और बुजुर्गों की बददुआ लगेगी और सजा भी मिलेगी ,
क्योंकि तू एक दिन अवश्य मरेगा I
तो सुन लो कोरोना और कोविड-19, एक दिन ,
तुम्हें तुम्हारे पापों का दंड अवश्य मिलेगा—तुम्हें तुम्हारे पापों का दंड अवश्य मिलेगा।
लॉकडाउन के दौरान डी. के.पंडित द्वारा स्वरचित कविता , केंद्रीय विद्यालय बालीगंज,KOLKATA