मां
मेरी मां जो कुछ नहीं कहती बस हर हाल में और परिस्थिति में कभी भी किसी भी समय हमेशा तत्पर रहती है ;सभी बच्चो का जो भी समस्या है उसको जल्द से जल्द समाधान करने के लिए ! मेरी मां का बस चले तो हम पांच भाई बहन के ऊपर कुछ दुख़ आने ही नहीं दे !
मुझे याद है वो समय जब मैं इंटर में थी और पेट की दर्द से रो रही थी हमारी आर्थिक परिस्थिति ठीक नहीं थी हमलोग टोटो के रहने वाले हैं ; टोटो में उस समय अच्छे डाक्टर नहीं थे गुमला सदर अस्पताल में दिखाए ;डॉक्टर रांची ले जाने को बोले ;किसी तरह मां पिताजी रांची सेवा सदन ले गए डॉक्टर; ऑपरेशन कराने को बोले मां का रो रो के बुरा हाल था!
१९९१ जुलाई का महीना था सेवा सदन में ब्लड टेस्ट और इक्सरे का इंतजाम नहीं था उस समय एक ओर बल्ड टेस्ट दूसरी ओर एक्सरे ; बारिश भी खूब थी; हम सभी भींग गए थे वैसे में ही सारा टेस्ट करा कर हॉस्पिटल पहुंचे दूसरे दिन ऑपरेशन हुआ ऑपरेशन के बाद मेरा होश ९-१० घंटे बाद आया ! करीब ८ दिन हॉस्पिटल में भर्ती थी ! इस दौरान मेरी मां ने ना टिक से खाना खाई और ना ही सोई अपने हाथ से आनर और अंगुर का जूस निकाल कर मुझे पिलाती थी रात भर मेरी माथा सहलाती थी मेरे हाथ और पैर को दबाते रहती थी ! इतना सेवा भावना आज देखने को कम ही मिलता है मां और पितजी अपने बिना स्वार्थ के साथ जो अपने बच्चो को पालते हैं आज कुछ बच्चे अपने बूढ़े मां बाप का सेवा भावना अपने मन से खत्म कर दिए हैं ऐसा नहीं होना चाहिए मुझे मेरे मां पिताजी पे गर्व है कि हम पांच भाई बहन को अच्छा संस्कार दिय है ! मुझे गर्व है मेरे भाई भाभी पर जो मेरी मां का सेवा मन से करते है!!
मां की बात आई तो ;(सास ) वो भी मां की तरह होती है !
मां
मेरी सासू मां मुझे याद है ओ दिन१९९७ हमलोग (मै मेरे पति मेरी सासू मेरे ससुर और मेरी बेटी जो कि २ साल की थी ) ! छठ पूजा करने देव गए थे नहाय खाय का दिन था मै और मेरी सासू मां नहाने तालाब गए और नहाते समय मेरे पैर फिसने से मै डूबने लगी मैं तैरने नहीं जानती थी मेरी सासू मां ने देखा और जल्दी से मेरे हाथ को पकड़ लिया और जल्दी से अपनी ओर खींचा और बाहर निकाल ली हैरानी की बात यह है कि मेरी सासू मां को तैरना नहीं आता था फिर भी सासू मां ने मुझे बचाया मुझे गर्व है मेरे सासू मां ( मां ) पर
आज मुझे दो मां के बारे में लिख कर खुशी हो रही है ! और आप पर जो लिखने के लिए मुझे प्रेरित किया मां मां