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Chhath Mata ki Aarti: ‘जय छठी मईया… इस आरती के बिना अधूरी मानी जाती है छठ माता की पूजा

Chhath Mata ki Aarti: लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. छठ व्रतियों ने स्नान कर कद्दू की सब्जी, चने की दाल और अरवा चावल का प्रसाद बनाकर ग्रहण कर छठ महापर्व का अनुष्ठान शुरू किया.

Chhath Mata ki Aarti: लोक आस्था के पर्व को लेकर राजधानी में काफी चहल-पहल और रौनक है. इस बार छठ को लेकर पटनाइट्स में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. आज छठ पूजा के दूसरे दिन आस्था की डूबकी लगाने का सिलसिला सुबह चार बजे से ही शुरू है. स्नान के बाद व्रतियों ने भगवान सूर्य को गंगाजल से अर्घ दिया. लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. छठ व्रतियों ने स्नान कर कद्दू की सब्जी, चने की दाल और अरवा चावल का प्रसाद बनाकर ग्रहण कर छठ महापर्व का अनुष्ठान शुरू किया. आज खरना का प्रसाद बनेगा, इसके अगले दो दिनों तक भगवान भास्कर को अर्घ दिया जायेगा. पूजा के बाद छठ मईया की आरती जरूर करनी चाहिए.

Chhath Mata ki Aarti: छठ मईया की आरती

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

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इन मंत्रों का करें जाप

  • ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:

  • ॐ सूर्याय नम:

  • ॐ भानवे नम:

  • ॐ खगाय नम:

  • ॐ घृणि सूर्याय नम:

  • ॐ पूष्णे नम:

  • ॐ हिरण्यगर्भाय नम:

  • ॐ मरीचये नम:

  • ॐ आदित्याय नम:

  • ॐ सवित्रे नम:

  • ॐ अर्काय नम:

  • ॐ भास्कराय नम:

  • ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

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