Shiv ji ki Aarti: कार्तिक महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत और पूजा करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है. मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से अपार धन लाभ होता और अपार शक्ति मिलती है. अगर आप भी कार्तिक महीने के सोमवार को भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो भोलेनाथ की पूजा अवश्य करें. कार्तिक महीने के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से शारीरिक रोग, पारिवारिक झगड़े, पैसों की टेंशन से छुटकारा मिल जाता है, इसके अलावा कुंवारी कन्याओं द्वारा पूजा करने से उन्हें शिव जैसा वर मिलता है औक शादी में कोई अड़चन नहीं आती है. पूजा के बाद महादेव की आरती करने से आपके बिगड़े काम बन जाते हैं. सोमवार के दिन शिव आराधना करना फलदायी होता है. क्योकि सोमवार का दिन महादेव को समर्पित है. इस दिन भोलेनाथ पर जल चढ़ाने का बहुत महत्व है. सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, इसके अलावा इस दिन पूजा के दौरान भगवान शिव शंकर की आरती करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. आप भी हर सोमवार जरूर करें शिव आरती…
जय शिव ओंकारा, स्वामी ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥
Also Read: Shiv Chalisa: सोमवार के दिन जरूर पढ़ें शिव चालीसा, महादेव की कृपा से हर बाधा होगी दूर
-
सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
-
मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
-
इसके बाद दीप प्रज्वलित करें.
-
सभी देवी-देवताओं को गंगा जल से अभिषेक करें.
-
शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
-
भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
-
भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.
-
भगवान शिव को अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, दूध, पंचामृत, बेलपत्र, भांग, धतूरा इत्यादि जरूर अर्पित करें.
-
पंचामृत से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का निरंतर जाप करते रहें.
-
भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं.
-
इस दिन भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.
सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में गंगा जल का विशेष महत्व है, इसके अलावा भगवान शिव को भांग विशेष रूप से प्रिय है. भगवान शिव की पूजा-अर्चना में धतूरा चढ़ाने की भी परंपरा है, इसके अलावा शिव पूजन में मदार, रोली, मौली, चावल, दूध, चन्दन, कपूर, बिल्बपत्र, केसर, दूध, दही, शहद, चीनी, खस, शमी पत्र, आक-धतूरा, पुष्प, फल, जनेऊ, इत्र, कुमकुम, माला, रत्न,आभूषण, इलायची, लौंग, सुपारी, पान, वस्त्र व आसन आदि भी शामिल किया जाता है. ध्यान रखें कि भगवान शिव की पूजा में तुलसी व हल्दी नहीं शामिल की जाती है.