दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित भ्रष्ट आचरण के आधार पर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सांसद बांसुरी स्वराज के चुनाव को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सोमनाथ भारती की याचिका में सोमवार को कई गलतियों का उल्लेख किया और उनसे एक संशोधित याचिका दायर करने को कहा. न्यायमूर्ति पी एस अरोड़ा ने सुनवाई शुरू होने पर कहा कि याचिका में मुद्रण संबंधी बहुत सारी त्रुटियां हैं जिससे इसमें दिए गए कथनों को समझना मुश्किल हो गया है.
कोर्ट ने भारती को संशोधित याचिका दायर करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की. जब भारती के वकील ने अदालत से याचिका पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आग्रह किया, तो न्यायाधीश ने कहा, बहुत सारी गलतियां हैं. पहले याचिका को ठीक करें. मैं इस तरह नोटिस जारी नहीं कर सकता. मैं बस इसे स्थगित कर दूंगा. कृपया एक संशोधित याचिका दायर करें.
भारती और स्वराज दोनों ने नयी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 80 और 81 के तहत दायर याचिका में स्वराज, उनके चुनावी एजेंट तथा अन्य व्यक्तियों पर भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया गया है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व ‘आप’ मंत्री राज कुमार आनंद ने वोट काटने और स्वराज की मदद करने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा. याचिका में कहा गया कि बाद में 10 जुलाई को वह भाजपा में शामिल हो गये.
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याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव के दिन, याचिकाकर्ता पूरे निर्वाचन क्षेत्र में बूथों के दौरे के दौरान यह देखकर हैरान रह गए कि स्वराज के बूथ एजेंटों के पास उनकी मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर प्रदर्शित करने वाले पर्चे थे और ‘‘वे मतदाताओं को वही दिखा रहे थे’’, जो वोट देने के लिए बूथ पर खड़े थे और मतदाताओं से बैलेट नंबर-1 के लिए वोट करने के लिए कहा गया था.