हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि भारी बारिश के चलते राज्य को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के अनुसार, शुक्रवार रात तक यह नुकसान लगभग 4000 करोड़ रुपये का था और सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 2000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत राशि मांगी है. सुक्खू ने यहां जारी एक बयान में कहा कि राज्य में फंसे लगभग 70000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि 15 हजार वाहनों को बाहर भेजा गया. लगभग 500 पर्यटकों ने स्वेच्छा से यहीं रुकने का फैसला किया. कुल्लू जिले के कसोल, मणिकरण और आसपास के अन्य इलाकों में फंसे कुछ पर्यटकों ने अपने वाहनों के बिना यहां से जाने से इनकार कर दिया है और स्थिति सामान्य होने तथा सभी सड़कें खुलने तक यहीं रुकने का फैसला किया है.
अस्थायी रूप से सेवाएं हुईं बहाल
कसोल-भुंटर मार्ग पर डुंखरा के पास भूस्खलन के कारण वाहन फंस गए और पर्यटकों को दूसरी ओर जाने के लिए पैदल चलना पड़ा. राज्य सरकार ने कहा कि इन पर्यटकों का ध्यान रखा जा रहा है. बयान में कहा गया है कि आपदा प्रभावित 80 प्रतिशत क्षेत्रों में बिजली, पानी और दूरसंचार सेवाएं अस्थायी रूप से बहाल कर दी गई हैं और शेष क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस सेवा 899 मार्गों पर बंद है और 256 बसों को बीच रास्ते में रोक दिया गया है.अधिकारियों ने बताया कि एचआरटीसी को 5.56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
बारिश को लेकर अलर्ट जारी
इस बीच, मौसम विभाग के स्थानीय कार्यालय ने 15 से 17 जुलाई तक लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर राज्य के 12 जिलों में से 10 में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही, इसने भूस्खलन, अचानक बाढ़ आने, और नदियों व नालों के जलस्तर में वृद्धि का अनुमान भी जताया है. मौसम कार्यालय ने 18 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी देते हुए “येलो” अलर्ट जारी किया है और 21 जुलाई तक राज्य में बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. राज्य में जुलाई में अब तक 284.1 मिलीमीटर(मिमी) बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश यानी 110.4 मिलीमीटर से 157 प्रतिशत अधिक है. राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से भारी बारिश जारी है, धर्मशाला में 131 मिमी बारिश हुई. वहीं, पालमपुर में 51 मिमी, सुंदरनगर और नाहन (दोनों में 45-45 मिमी), कांगड़ा (27 मिमी), मंडी और नारकंडा, प्रत्येक में 16 मिमी बारिश हुई.
ग्लेशियर पिघलने से आई बाढ़
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के लोसर से लगभग तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित खोलाकसा में हिमनद (ग्लेशियर) पिघलने के कारण आई बाढ़ के बाद सात परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है. लाहौल-स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि देर रात बाढ़ आई और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा. सात परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है.स्थानीय निवासियों ने कहा कि बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने से क्षेत्र की कई नदियों और नालों के जल स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है और पानी को बंजर भूमि की ओर मोड़ने के प्रयास जारी हैं.
संकट के समय राज्यों के साथ खड़ा है केंद्र: नड्डा
इधर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि केंद्र भारी बारिश के बाद के हालात से निपटने वाले राज्यों के साथ खड़ा है. नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए 181 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी कर दी है. नड्डा ने कुल्लू और मंडी जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि केंद्र के अनुदान से राज्य के कर्ज के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी जो बारिश से हुए नुकसान के कारण बढ़ गया है.
एक आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश को अंतरिम राहत के रूप में 2023-24 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के केंद्रीय हिस्से की दूसरी किस्त की अग्रिम राशि 180.40 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है. बयान में कहा गया है कि धनराशि जारी किये जाने से राज्य सरकार को बारिश से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपाय करने में मदद मिलेगी.
आपदा प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद देगी केंद्र सरकार- अनुराग ठाकुर
इधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ने कहा कि केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हिमाचल प्रदेश समेत सभी राज्यों की मदद करने की पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही दो किस्तों में 361 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है और जल्द ही और वित्तीय सहायता जारी की जाएगी. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि राज्य को बारिश के चलते लगभग 8000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.