कोलकाता के उत्तरी छोर पर स्थित न्यू टाउन में बड़ी संख्या में मतदाताओं ने आरोप लगाया है कि वे पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए, क्योंकि ‘गुंडों’ ने उन्हें मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोक दिया. पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए चुनाव में कुल 2.06 लाख उम्मीदवार मैदान में थे. राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले करीब 5.67 करोड़ लोग वोट देने के पात्र थे.
रिटायर्ड शिक्षाविद बोले- हमें कई बार रोका गया
एक सेवानिवृत्त शिक्षाविद ने दावा किया कि उन्होंने मतदान केंद्र एपीजे अब्दुल कलाम कॉलेज में वोट डालने के दो प्रयास किए, लेकिन लोगों के एक समूह ने उन्हें रोक दिया. शिक्षाविद ने कहा, ‘सबसे पहले उन्होंने मुझे सुबह आठ बजे रोका. कई लोगों ने मतदान केंद्र की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर दिया. फिर दोपहर करीब 12 बजे मैंने एक पड़ोसी के साथ बूथ पर जाने की कोशिश की, लेकिन हमें वापस लौटना पड़ा. मतदान केंद्र के बाहर खड़े लोगों ने बताया कि हमारा वोट पड़ चुका है.’
फोरम ने लिया था मतदान बहिष्कार का निर्णय
उन्होंने कहा, ‘बाद में, मैंने सुना कि उन्होंने क्षेत्र के अन्य मतदान केंद्रों पर भी ऐसा ही किया था. ‘न्यू टाउन फोरम’ के बैनर तले स्मार्ट सिटी के कुछ निवासी लंबे समय से टाउनशिप को पंचायत क्षेत्र में शामिल करने का विरोध कर रहे थे. फोरम ने मतदान का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया था. हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि वे न्यू टाउन को पंचायत का हिस्सा बनाने से नाखुश थे, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए वोट डालना चाहते थे.
सभी दलों ने न्यू टाउन के वोटर्स से की थी वोट देने की अपील
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने क्षेत्र के लोगों से पंचायत चुनाव में मतदान करने का आग्रह किया था. ‘न्यू टाउन सिटीजंस वेलफेयर फ्रेटर्निटी’ के सचिव समीर गुप्ता ने कहा, ‘हमने लोकतंत्र की हत्या देखी. एपीजे अब्दुल कलाम कॉलेज पुलिस बैरिकेड से घिरा था और किसी को भी वोट देने के लिए बूथ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी.’ उन्होंने दावा किया, ‘बदमाश बसों में बम और पिस्तौल लेकर आए और हमें भगा दिया.’
फोरम के अध्यक्ष का तृणमूल पर गंभीर आरोप
गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि न्यू टाउन में पंचायत चुनाव के बहिष्कार का आह्वान फर्जी वोट डालने की साजिश का एक हिस्सा था. मतदान नहीं कर सके कुछ निवासियों ने मतदान केंद्रों पर कथित दिक्कतों और पुलिस कर्मियों की अनुपस्थिति के वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किए. न्यू टाउन फोरम के अध्यक्ष समरेश दास ने सत्तारूढ़ दल टीएमसी पर ‘वोट लूटने के लिए उनके बहिष्कार आह्वान का इस्तेमाल’ करने का आरोप लगाया.
माकपा का दावा- सभी रास्ते कर दिये गये थे बंद
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सप्तर्षि देब ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों तक पहुंचने के मार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया था और उन्हें शनिवार को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. वहीं, इलाके के टीएमसी नेता अनिंद्यो सिन्हा रॉय ने दावा किया कि उन्हें कुछ बदमाशों ने पास के बाजार में जाने से रोका. यह इलाका पूर्व में दो सदस्यों वाला एक पंचायत क्षेत्र था, लेकिन कुछ महीने पहले परिसीमन के बाद यहां प्रतिनिधियों की संख्या बढ़कर आठ हो गयी.