अपने अमेरिका दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर बात की. आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधा और कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है तथा इस संकट से निपटने में कोई ‘‘अगर-मगर’’ नहीं हो सकता. गुरुवार को अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 9/11 हमले के दो से भी अधिक दशक तथा मुंबई में 26/11 हमलों के एक से भी अधिक दशक बाद कट्टरपंथ और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए आज भी एक खतरा बना हुआ है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अंग्रेजी भाषा में 60 मिनट के अपने भाषण में कहा, ये विचारधाराएं नयी पहचान तथा रूप ले रही हैं लेकिन उनकी मंशा समान है. आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई अगर या मगर नहीं हो सकता. हमें आतंकवाद को प्रायोजित तथा उसे फैला रही ऐसी सभी ताकतों से निपटना होगा. प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने आतंकवाद तथा चरमपंथ से लड़ने का संकल्प जताया. बयान में कहा गया है, अमेरिका तथा भारत वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और आतंकवाद तथा हिंसक चरमपंथ की सभी रूपों में निंदा करते हैं.
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन समेत संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की मांग को दोहराया. इसमें कहा गया है, उन्होंने सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद के लिए लोगों के इस्तेमाल करने की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया कि उसके कब्जे वाले किसी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले करने के लिए न किया जाए. उन्होंने 26/11 मुंबई हमलों और पठानकोट हमले के दोषियों को सजा देने का भी आह्वान किया.
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उन्होंने आतंकवादी साजिशों के लिए मानवरहित ड्रोन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों का दुनियाभर में इस्तेमाल बढ़ने पर भी चिंता व्यक्त की.