Wrestling Federation Of India: एशियाई खेलों के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को सीधे टीम में शामिल किए जाने पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एशियाई खेलों के ट्रायल्स के लिए विनेश और बजरंग को दी गयी छूट के फैसले को चुनौती दी और साथ ही उन्होंने इस टूनामेंट के लिए चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता की मांग की है. इन दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका प्रधान न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष पेश की गयी जिन्होंने इस मामले की सुनवाई की तारीख गुरुवार 20 जुलाई को तय की.
यह याचिका उनके वकील ऋषिकेश बरूआ और अक्षय कुमार ने दायर की जिसमें मांग की गयी कि आईओए (भारतीय ओलंपिक संघ) की तदर्थ समिति द्वारा दो वर्गों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा) के संदर्भ में जारी किए गये निर्देशों को खारिज कर दिया जाये तथा बजरंग और विनेश को दी गयी छूट खत्म कर दी जाये. याचिका में मांग की गयी कि ट्रायल्स निष्पक्ष तरीके से कराये जाने चाहिए जिसमें किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए और पूरी प्रकिया की वीडियोग्राफी की जाये.
सुजीत के पिता दयानंद कलकल ने पीटीआई से कहा, ‘इन पहलवानों ने जंतर मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन में कहा था कि उनकी लड़ाई न्याय दिलाने के लिए है और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है और अब वे इन जूनियर पहलवानों को ही दरकिनार करना चाहते हैं इसलिये हमें इस फैसले के खिलाफ अदालत का रूख करना पड़ा.’ उन्होंने कहा, ‘उनके विरोध प्रदर्शन में शुरु से ही उनका इरादा ट्रायल्स से छूट हासिल करने का था, इसलिये हमने कभी भी उनका साथ नहीं दिया. लोग अंधे थे, वे उनके इरादे समझ नहीं सके.’
दयानंद कलकल ने कहा, ‘अगर ये मशहूर पहलवान आगामी पहलवानों को हराकर आगे पहुंचते हैं तो कोई भी शिकायत नहीं करेगा. बल्कि यह गर्व की बात होगी कि हमारे बच्चे को इतने बड़े जाने माने खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने को मिली. इसलिये ट्रायल्स निष्पक्ष होने चाहिए.’
भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग (65 किलो फ्रीस्टाइल) और विनेश फोगाट (53 किलो) को 22 और 23 जुलाई को यहां होने वाले एशियाई खेलों के चयन ट्रायल से छूट देने का फैसला किया. तदर्थ पैनल के निर्देश के अनुसार ट्रायल्स सभी 18 वजन वर्गों में कराये जायेंगे जिसमें 65 किग्रा और 53 किग्रा भी शामिल है लेकिन विजेता एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि वे ‘स्टैंडबाई विकल्प’ रहेंगे.
हिसार की 19 वर्षीय पंघाल और सोनीपत में ट्रेनिंग करने वाले 21 साल के सुजीत ने अलग अलग वीडियो के जरिये तदर्थ पैनल के फैसले पर सवाल उठाये. पंघाल ने कहा कि वह ट्रायल्स में विनेश को हराने में सक्षम हैं. वहीं सुजीत ने कहा कि 65 किग्रा वर्ग में देश में कम से पांच-छह पहलवान हैं जो बजरंग को हराने में सक्षम हैं.
एशियाई खेलों के लिए बिना किसी ट्रायल के बजरंग को टीम में चुने जाने पर पहलवान विशाल कालीरमन ने कहा ‘मैं भी 65 किग्रा से भार वर्ग में खेलता हूं और एशियाई खेलों के लिए बजरंग पूनिया को बिना किसी ट्रायल के सीधे प्रवेश दिया गया है. वे एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि हम अभ्यास कर रहे हैं. हम एक ट्रायल की अपील करते हैं… हम कोई एहसान या लाभ नहीं चाहते. कम से कम एक ट्रायल होना चाहिए अन्यथा हम अदालत जाने के लिए तैयार हैं… हम अदालत के समक्ष अपील करेंगे. हम 15 वर्षों से अभ्यास कर रहे हैं. अगर बजरंग पुनिया इस बात से इंकार करते हैं कि वह एशियाई खेलों में नहीं खेलेंगे तभी किसी और को मौका मिलेगा.’
हालांकि, तदर्थ समिति ने विरोध करने वाले 4 अन्य पहलवानों साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र किन्हा और बजरंग की पत्नी संगीता फोगाट को किसी तरह की छूट नहीं दी है. एशियन गेम्स इस बार 23 सितंबर से चीन के हांगझोउ में होने वाले हैं. इसके लिए कुश्ती टीम का चयन करने के लिए ट्रायल 22 जुलाई से होने हैं. तदर्थ समिति ने इन ट्रायल से ठीक 4 दिन पहले यह निर्णय लिया.
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