18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आगरा पुलिस का बदनामी से पुराना नाता, छेड़खानी से पहले कई बार अपनों ने ही वर्दी पर लगाया दाग, नहीं ले रहे सबक

आगरा में छेड़छाड़ प्रकरण के सुर्खियों में आने के बाद आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. लेकिन, चर्चा खत्म नहीं हुई है. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें अपनों ने ही पुलिस के दामन को दागदार बनाने का काम किया है.

Agra News: ताजनगरी आगरा में दारोगा के दीवार फांदकर महिला से छेड़खानी के मामले में खाकी की काफी किरकरी हुई. दारोगा ने अपनी इस हरकत से महकमे को शर्मसार करने का काम किया. जिस तरह से आक्रोशित लोगों ने उसकी बांधकर पिटाई की और वीडियो वायरल कर दिया, उसकी अभी भी बेहद चर्चा हो रही है.

प्रकरण के सुर्खियों में आने के बाद आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. लेकिन, चर्चा खत्म नहीं हुई है. दरअसल इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें अपनों ने ही पुलिस की काफी बदनामी कराने का काम किया है. आगरा पुलिस छेड़खानी, थाने में बंद करके रुपए वसूलने, धमकी देकर लूट और प्रताड़ित करने जैसे आरोपों के कारण कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है.

आधी रात को छेड़खानी करने वाला दारोगा निलंबित

आगरा में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में एक व्यक्ति को खंभे से बांध दिया गया था. जानकारी करने पर पता चला कि खंभे से बंधा हुआ व्यक्ति बरहन थाने में तैनात दारोगा संदीप कुमार है. संदीप बीते रविवार को आधी रात को बरहन के एक घर में दीवार फांदकर घुस गया और घर में मौजूद युवती से छेड़खानी करने लगा.

जब युवती ने शोर मचाया तो परिजन और गांव के लोग जाग गए और दारोगा को पकड़कर बांध दिया. इसके बाद घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और दारोगा को ग्रामीणों से मुक्त कराया गया. आगरा के कमिश्नर डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दारोगा को निलंबित कर दिया.

पीड़ित पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज करने पर इंस्पेक्टर और एसआई निलंबित

इससे पहले थाना ट्रांस यमुना का एक मामला भी सामने आया था. इसमें कालिंदी विहार निवासी राज मोहम्मद की मुल्लाजी बिल्डिंग मटेरियल के नाम से दुकान थी. यह दुकान समधि गयासुद्दीन के प्लाट पर है, जिसे लेकर विवाद चल रहा था. विगत 2 जुलाई की रात को तत्कालीन थाना प्रभारी ट्रांस यमुना आनंद प्रकाश ने राज मोहम्मद को थाने बुलाया और धमकाया. इसके बाद 3 जुलाई की शाम को उसकी पत्नी दुकान पर मौजूद थी. ऐसे में गयासुद्दीन पक्ष की तरफ से करीब 10-12 लोग आए और उन्होंने दुकान पर आकर राज मोहम्मद और उनकी पत्नी से मारपीट की.

राज मोहम्मद मारपीट और लूट की सूचना लेकर थाने पहुंचे. उन्होंने पुलिस को तहरीर दी, वहीं किसी ने इस मारपीट का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर लिया था. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने 4 जुलाई को राज मोहम्मद उसके बेटे मोहम्मद हबीब और अब्दुल रज्जाक के खिलाफ मारपीट, जानलेवा हमला, एसिड अटैक और गाली गलौज व जान से मारने की धमकी में मुकदमा दर्ज कर लिया. वहीं ट्रांस यमुना थाना प्रभारी आनंद प्रकाश उन्हें अपनी जीप में डालकर थाने ले आए और राज मोहम्मद के 18 वर्षीय बेटे का 151 धारा में चालान कर दिया. पीड़ित राज मोहम्मद ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की, जिसके बाद कमिश्नर ने जांच के आदेश किए. जांच में दोषी पाए जाने पर इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश और एसआई सुजीत को निलंबित कर दिया.

Also Read: Cricket Stadium in Varanasi: पूर्वांचल को मिला पहला इंटरनेशनल स्टेडियम, PM मोदी 23 सितंबर को करेंगे शिलान्यास
बाइक सवार दो युवकों को 30 हजार रुपए लेकर छोड़ने पर दारोगा सस्पेंड

एक अन्य प्रकरण थाना खेरागढ़ से जुड़ा हुआ है. इसमें 23 जुलाई को बाइक सवार को पकड़ने पर उन्हें छोड़ने के लिए 30 हजार रुपए वसूलने का मामला सामने आया था. इस मामले में भाजपा विधायक ने पुलिस अधिकारी को फोन कर युवकों को छोड़ने के लिए कहा. इसके बाद भी पुलिस ने उनसे रिश्वत ले ली. भाजपा विधायक भगवान सिंह कुशवाहा के मुताबिक खेरागढ़ पुलिस ने दो युवकों को पकड़ा है. इनमें एक गांव पहाड़ी निवासी देवेंद्र था. गांव पहाड़ी से कई लोग उनके पास आए. बताया कि बाइक के कागज हैं. कोई अपराध भी नहीं किया, फिर भी पुलिस ने थाने पर बैठा रखा है. क्षेत्रीय जनता के कहने पर उन्होंने एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार को फोन किया और कहा कि दो युवक थाने पर बैठे हैं, उनकी जांच कर ले और अगर वह निर्दोष हो तो छोड़ दें.

विधायक के कहने पर एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने थानाध्यक्ष को फोन किया. शाम तक युवक नहीं छूटे, जिसके बाद विधायक ने एसीपी को दोबारा फोन किया. एसीपी ने दोबारा थाने पर बोला तब दोनों युवक छोड़े गए. युवकों ने विधायक को बताया कि उनसे 30 हजार रुपए रिश्वत ली गई है. भाजपा विधायक ने पूरा मामला पुलिस कमिश्नर डॉक्टर जितेंद्र सिंह को बताया. इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने दारोगा जयकुमार को निलंबित कर दिया.

व्यापारी की तलाश के लिए 50 हजार की ली रिश्वत, बाद में मिली लाश

एक अन्य प्रकरण आगरा में व्यापारी की हत्या से संबंधित है, जिसमें पुलिस पर व्यापारी को तलाशने के लिए 50 हजार रुपए मांगने का आरोप लगा था. कालिंदी बिहार के रहने वाले विनोद गुप्ता घर से कहीं चले गए थे और उसके बाद वह वापस नहीं लौटे. घर वालों ने पुलिस से शिकायत की और व्यापारी की गुमशुदगी दर्ज करने को कहा. लेकिन, 24 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद गुमशुदा की दर्ज नहीं की गई और व्यापारी के परिजनों को पुलिस लगातार टहलाती रही.

अहम बात है कि एत्मादपुर पुलिस को 28 जुलाई को विनोद गुप्ता का शव यमुना नदी में मिल गया था. लेकिन, उसे अज्ञात में पोस्टमार्टम भिजवा दिया गया. विनोद के घर वालों को इसकी खबर नहीं मिली. बाद में विनोद के परिजनों ने थाने पर जाकर हंगामा किया तब पुलिस ने उन्हें अज्ञात में मिली लाश की फोटो दिखाई जो कि विनोद की ही थी. विनोद की बेटी शैली ने बताया था कि हम बार-बार थाने के चक्कर लगा रहे थे. लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही थी. हमसे थाने में तैनात एसआई ने 50 हजार रुपए भी ले लिए गए. लेकिन फिर भी हमारे पिता का कोई भी पता नहीं चला. इस मामले में कमिश्नर ने एक महिला दारोगा पर कारवाई की.

व्यापारी को धमकाकर कराया बैनाम, थाना प्रभारी लाइन हाजिर

आगरा के थाना शाहगंज थाने पर भी एक शहर के व्यापारी से डरा धमका कर अवैध बैनामा कराने का आरोप लगा. विजयनगर निवासी मोहनलाल अग्रवाल और सोहनलाल ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि उन्हें और उनके बेटे व भतीजे को शाहगंज थाने की पुलिस ने 20 जून को चित्तीखाना बाजार से उठाया था.

तीन दिन अवैध रूप से हिरासत में रखकर धमकाया एनकाउंटर का डर दिखाया. इसके बाद पुलिस ने सदर तहसील ले जाकर किनारी बाजार स्थित उनकी चार करोड़ की दुकान का बैनामा तीसरे व्यक्ति शिवम गोयल के नाम कर दिया. इसमें पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत के बाद प्रकरण की जांच डीसीपी सिटी को दी गई थी. तत्कालीन थाना प्रभारी को इस मामले में लाइन हाजिर किया गया था.

चांदी कारीगरों को छोड़ने के एवज में मांगे पांच लाख, दारोगा और दो सिपाही पर कार्रवाई

थाना एत्तमदुदौला में करीब एक साल पहले दारोगा और दो सिपाहियों ने चांदी कारीगर भाई विपिन व धर्मेंद्र से दिनदहाड़े बीच सड़क पर 350 ग्राम चांदी लूट ली थी. इसके बाद उन्हें चौकी में ले जाकर बेरहमी से मारा. उन्हें एनकाउंटर में लंगड़ा बना देने का डर दिखाकर पांच लाख रुपए मांगे गए.

इसके बाद परिजनों ने बड़ी मुश्किल से 74 हजार रुपए देकर दोनों को मुक्त कराया. बाद में उन्होंने इस मामले की शिकायत एसएसपी से की, एसएसपी ने जांच के बाद दारोगा नीलकमल और दो सिपाही को सस्पेंड कर दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें