कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार रात पुलिस हिरासत में जान गंवाने वाले अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अरुण के परिजनों को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद और केस लड़ने में पूरी कानूनी मदद देने की घोषणा की है.
दरअसल, आगरा जिले के जगदीशपुरा थाना के मालखाना से 25 लाख रुपये की चोरी में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की हिरासत में मौत हो गई थी. इसी सिलसिले में प्रियंका बुधवार की देर रात अरुण के परिजनों से मिलने आगरा पहुंचीं थीं. जहां परिजनों की पीड़ा सुनने के बाद उन्होंने अरुण के परिजनों को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद और केस लड़ने में पूरी कानूनी मदद देने की घोषणा कर दी.
इधर, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अरुण की मौत के मामले में घोषणा की है कि मृतक आश्रितों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी.
आगरा के एसएसपी मुनिराज ने बताया कि इस मामले में अब तक 11 पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं. जगदीशपुरा थाना की जीडी की रवानगी के दौरान मौजूद क्रिमनल इंटेलीजेंस विंग के इंस्पेक्टर आनंद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही महेंद्र रूपेश और सत्यम को सस्पेंड कर दिया है. वहीं मामले की जांच को भी एक टीम गठित कर दी गई है.
वहीं मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अरुण जी के भाई से पुलिस ने तहरीर पर हस्ताक्षर करा लिया. इतना ही नहीं, पुलिस उनके घर से सोने लेकर चली गई, जो बेटी की शादी के लिए रखा गया था. प्रियंका ने आगे कहा कि अरुण जी के परिवार के कुछ लोग भरतपुर रहते हैं, मैं उनसे संपर्क के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जी से बात करुंगी.