अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने जुम्मे की नमाज के बाद फिलिस्तीन के समर्थन में दुआ मांगी है. इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं, यूपी सरकार के शख्त निर्देश के बाद एएमयू कैंपस के बाबे सैय्यद गेट के बाहर पुलिस फोर्स तैनात की गई है. विश्वविद्यालय के छात्र मोहम्मद सलमान ने कहा कि छात्रों ने जीबीएम के पास फैसला लिया था कि जुम्मे की नमाज के बाद फिलिस्तीन के पक्ष में दुआ करनी है. उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन मजलूम है. वहां के नागरिकों को सताया गया है. हिंदुस्तान के अंदर अगर किसी को भी कोई सताता है तो उसके साथ देश खड़ा रहता है. फिलिस्तीन के खिलाफ गलत बात बताई जा रही है. क्योंकि वहां सिर्फ मुसलमान हैं. उन्होंने कहा इजराइल हमेशा से दहशतगर्द रहा है. उन्होंने आगे कहा कि आज छात्र फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा हैं तो उसके खिलाफ मुक़दमा दर्ज हो रहा है. वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता जब फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं तो उनके खिलाफ FIR नहीं होती है, क्योंकि वह हिंदू हैं.
फिलिस्तीन के समर्थन में छात्रों के दुआ मांगने के मामले में डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर एस नवाज जैदी ने बताया कि वह इंडिपेंडेंट कंट्री है और यहां उसका डिफेंड और फेवर किया जाता है. मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स ने भी इस बात को स्वीकारा है कि हमारा उनके प्रति सॉलिडेरिटी है. उन्होंने कहा कि वायलेंस को कोई सपोर्ट नहीं कर रहा है. चाहे वह इजरायल की तरफ से हो या हमास की तरफ से हो. दो देशों के बीच वार की स्थिति बनी हुई है. उसमें बेगुनाह लोग फंसे हुए हैं. वहां शांति बनी रहे, इसलिए एएमयू में दुआ की गई है.
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डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर एस नवाज जैदी ने आगे बताया कि यूनाइटेड नेशन का मत है कि विश्व में शांति हो और जहां भी जुर्म और बर्बरता हो उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. यहां लोगों का मानना है कि फिलीस्तीन की स्वतंत्रता को लेकर जो संघर्ष चल रहा है. इस लड़ाई में उस पर बहुत जुल्म हुआ है. वहीं अब हमास आर्गेनाइजेशन के रिवर्स एक्शन को सपोर्ट नहीं किया जा रहा है. लड़ाई खत्म होनी चाहिए और वहां शांति स्थापित होनी चाहिए. यही मुद्दा है.
हालांकि, डिप्टी प्रॉक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि फिलिस्तीन के समर्थन में छात्रों ने दुआ की होगी, यह उनका अपना मत है. इसमें मैं कुछ नहीं कह सकता. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की जो पॉलिसी है उसके साथ एएमयू बिरादरी है. लेकिन किसी स्वतंत्र देश पर जुल्म होता है तो लोग अपनी आवाज उठा सकते हैं. इसमें इस बारे में कुछ कह नहीं सकते. उन्होंने कहा कि यह तफ्तीश का विषय है कि छात्रों ने क्या कहा है. उन्होंने जो कहा वह कानून के खिलाफ है या सरकार उसे ऑब्जेक्शनेबल समझती है तो तफ्तीश होगी. अभी हाल ही में मुकदमा दर्ज किया गया है. उसमें इन्वेस्टिगेशन चल रहा है.
वही, एएमयू में फिलिस्तीन के समर्थन में छात्रों के निकाले गए मार्च पर पुलिस ने एएमयू प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मांगे थे. इस सवाल के जवाब में डिप्टी प्रॉक्टर ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इसमें विवेचना अधिकारी ही बता सकते हैं. उन्होंने बताया कि मेरे जानकारी में सीसीटीवी फुटेज का संज्ञान नहीं है. प्रॉक्टर इस बारे में स्पष्ट बता सकते हैं .