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Aligarh News: प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी को AMU में दी गई श्रद्धांजलि, इन उपन्यासों से मिली पहचान

प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी का 91 वर्ष की उम्र में 15 नवंबर को गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. प्रख्यात लेखिका को AMU में श्रद्धांजलि दी गई.

Aligarh News: हिंदी की प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी (91) का गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. ‘आपका बंटी’ ‘मैं हार गई’ ‘आंखों देखा झूठ’, ‘त्रिशंकु’ जैसे प्रसिद्ध उपन्यासों की रचनाकार मन्नू भंडारी पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं. उन्होंने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. ऐसे में प्रख्यात लेखिका को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में श्रद्धांजलि दी गई.

एएमयू को याद आईं मन्नू भंडारी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी के निधन पर शोक श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही उनके हिंदी साहित्य में योगदान को याद किया गया. एएमयू के कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने मन्नू भंडारी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन निश्चय ही हिंदी साहित्य की एक अपूरणीय क्षति है. उनके निधन पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ अलीगढ़ और हिंदी विभाग गहरी शोक-संवेदना प्रकट करता है.

हिंदी साहित्य में मन्नू भंडारी का योगदान

मन्नू भंडारी को ‘नई कहानी’ आंदोलन के अग्रदूतों में से एक माना जाता है. मन्नू भंडारी ने ‘मैं हार गई’, ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’, ‘एक प्लेट सैलाब’, ‘यही सच है’, ‘आंखों देखा झूठ’ और ‘त्रिशंकु’, जैसी कई कहानियां लिखीं. मन्नू भंडारी को सबसे ज्यादा शोहरत ‘आपका बंटी’ से मिली. इसमें प्यार, शादी, तलाक और वैवाहिक रिश्ते के टूटने-बिखरने की कहानी है. जबकि राजनीतिक विषय पर लिखे गये उनके उपन्यासों में ‘महाभोज’ को हिंदी साहित्य में मील का पत्थर माना जाता है.

रिपोर्ट चमन शर्मा, अलीगढ़

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