Kasganj News: कासगंज पुलिस हिरासत में फांसी लगाकर हुई मौत के मामले में नया मोड़ आया है. पुलिस कस्टडी में मृत अल्ताफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी पर लटकना बताया गया है. अभी यह पता नहीं चला है कि अल्ताफ ने स्वयं फांसी लगाई या पुलिस ने फांसी पर लटकाया. मामले की मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है.
विगत 9 नवंबर को आई अल्ताफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारण ने मामले को और पेचीदा कर दिया है. रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग यानी लटक कर बताया गया. जैसा कि पुलिस कह रही है कि अल्ताफ ने स्वयं फांसी लगाई है. अल्ताफ के पिता शान मियां ने भी पहले पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने अल्ताफ को फांसी पर लटकाया है.
Also Read: कासगंज केस: इंजीनियर एसपी की ‘टोंटी’ वाली थ्योरी पर सवाल, सोशल मीडिया पर वायरल IPS अधिकारी कौन हैं?
21 वर्षीय अल्ताफ पुत्र चांद मियां निवासी नगला सैयद एक मकान में टाइल्स लगाने का काम कर रहा था, जहां से एक लड़की लापता हो गई थी. परिजनों ने अल्ताफ पर आरोप लगाया कि वह लड़की को भगा ले गया है. मामले में कासगंज पुलिस ने अल्ताफ को 8 नवंबर को रात्रि 8 बजे के लगभग हिरासत में लिया और अगले दिन 9 नवंबर को शाम में अल्ताफ की सदर कोतवाली में मौत हो गई.
Also Read: Kasganj News: कासगंज सुसाइड केस में नया मोड़, मृतक के पिता ने कहा- बेटे ने की आत्महत्या, पुलिस जांच से संतुष्ट
कासगंज पुलिस कस्टडी में अल्ताफ की मौत मामले पर अभी क्लियर नहीं हुआ है कि उसने स्वयं आत्महत्या की या उसकी हत्या हुई है, परंतु राजनीतिक गलियारों में इस मामले पर जमकर रोटियां सेंकी जा रही है. कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं. उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अल्ताफ की हत्या कर दी गई थी. कोई हुडी की डोरी का इस्तेमाल करके खुद को 4-5 फीट ऊंचे नल से कैसे लटका सकता है. इससे किसी शख्स की हत्या की जा सकती है. बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे. यूपी सरकार आए दिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़