16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एएमयू की लाइब्रेरी में 1400 साल पुरानी कुरान देखकर हैरान हो रहे लोग, औरंगजेब के फरमान से लेकर बहुत कुछ है खास

एएमयू की लाइब्रेरी में मुगल काल से जुड़ी दुर्लभ चीजों का खास संग्रह है. 300 साल पुराना मुगलकालीन कुर्ता भी इस लाइब्रेरी में सहेज कर रखा गया है, जो प्रदर्शनी में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस कुर्ते पर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. जिसे युद्ध में जाते समय मुगल बादशाह पहना करते थे.

Aligarh News: उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मौलाना आजाद लाइब्रेरी में दुर्लभ कुरान की प्रदर्शनी लगाई गई है. यहां आकर लोग दुनिया की सबसे छोटी कुरान और सबसे बड़ी कुरान पुस्तक देख सकते हैं. इस प्रदर्शनी में 1400 साल पूर्व इस्लाम के चौथे खलीफा हजरत अली द्वारा कूफी भाषा में हस्तलिखित कुरान भी आकर्षण का केंद्र है. मौलाना आजाद लाइब्रेरी को एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी बताया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकी भव्यता और संग्रह देखकर प्रशंसा कर चुके हैं. उनकी पहल पर इसे मिनी इंडिया की उपाधि से सुशोभित किया जा चुका है. इस प्रदर्शनी में कुरान की ऐसी किताब भी रखी गई है, जिसकी लिखावट नीलम पत्थर और सोने से की गई है. वहीं मुगल शासकों के समय में लिखी गई कुरान भी यहां देखने को मिली. खास बात यह है कि औरंगजेब के हाथ की लिखी कुरान भी यहां मौजूद है. शाहजहां की बेटी जहांआरा के हाथ की लिखी कुरान भी इस लाइब्रेरी की विशेषता है. एएमयू के मौलाना आजाद लाइब्रेरी के म्यूजियम में इन सभी नायाब कुरान को वैज्ञानिक पद्धति से संभाल कर रखा गया है. इनको देखने के लिए लोग उमड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि कुरान के अहम पहलुओं को समझने के लिए यह प्रदर्शनी लगाई गई है. औरंगजेब के हाथों लिखा फरमान भी इस संग्रहालय में देखने के लिए प्रदर्शित किया गया है.

मौलाना आजाद लाइब्रेरी में हैं नायाब किताबें

इसके साथ ही यहां विदेशी भाषाओं में लिखी गई कुरान भी मौजूद हैं. प्रदर्शनी में 12 से ज्यादा विदेशी भाषाओं में लिखी गई कुरान प्रदर्शित की गई हैं. हीब्रू, बंगाली, गुजराती, रशियन, जर्मन, तेलगू भाषा में लिखी कुरान यहां की विशेषता में और इजाफा कर रही हैं. इसके साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के म्यूजियम में इस्लाम धर्म से जुड़ी नायाब चीजें सहेज कर रखी गई हैं.

Also Read: कानपुर: एचबीटीयू का 5वां दीक्षांत समारोह आज, कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल 44 मेधावियों को पदक से करेंगी सम्मानित

मुगल काल से जुड़ी दुर्लभ चीजों का यहां खास संग्रह है. 300 साल पुराना मुगलकालीन कुर्ता भी इस लाइब्रेरी में सहेज कर रखा गया है, जो प्रदर्शनी में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. खास बात है कि इस कुर्ते पर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. जिसे युद्ध में जाते समय मुगल बादशाह पहना करते थे. मुगलों का मानना था कि कुरान लिखे इस कुर्ते को पहनने से जंग में उन्हें जीत मिलती थी और उनकी जान को खतरा नहीं होता था. यह धारणा इसलिए भी सही साबित हुई क्येांकि मुगल बादशाहों ने इसे कई जंग में पहना और जीत भी हासिल की.

हजरत अली की लिखित पवित्र कुरान है मौजूद

इस लाइब्रेरी में उर्दू, फारसी, संस्कृत, अरबी भाषाओं की दुर्लभ पांडुलिपियां भी मौजूद है. इसमें इस्लाम, हिंदू धर्म आदि की 16 हजार से अधिक दुर्लभ और अमूल्य पांडुलिपियां हैं. प्रदर्शनी में 1400 वर्ष से अधिक पुरानी कुरान की प्रति रखी गई है, जो पैगंबर इस्लाम मोहम्मद साहब के दामाद हजरत अली की लिखित पवित्र कुरान का एक हिस्सा है. यह कुफिक लिपि में चर्म पत्र पर लिखी गई है. इसके साथ ही यहां बाबर, अकबर, शाहजहां, शाहआलम, औरंगजेब आदि मुगल बादशाहों के कई फरमान मौजूद हैं. खास बात यह है कि यहां फोटोग्राफी करने की मनाही है. ऐसे में यहां आने वाले लोग इन्हें देख तो सकते हैं. लेकिन, उसकी तस्वीर नहीं ले सकते.

Undefined
एएमयू की लाइब्रेरी में 1400 साल पुरानी कुरान देखकर हैरान हो रहे लोग, औरंगजेब के फरमान से लेकर बहुत कुछ है खास 2
कुरान पर विभिन्न भाषाओं में लिखी किताबें मौजूद

मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मौलाना आजाद लाइब्रेरी में दो दिन की ये प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें कुरान की हस्तलिखित पांडुलिपियां और विभिन्न भाषाओं में लिखी दुर्लभ पुस्तकों के बारे में लोगों ने जानकारी हासिल की. मोहम्मद साहब के जीवन और गुणों को वर्णन करने वाली विभिन्न भाषाओं की पुस्तक प्रदर्शनी को देखकर लोगों को खास अनुभव हो रहा है. प्रदर्शनी में उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी, फारसी, अरबी की करीब एक हजार से अधिक किताबें को प्रदर्शित किया गया है.

अच्छी किताबों का संग्रह है मौजूद

प्रदर्शनी को देखने के लिए जम्मू कश्मीर से आए गुफराज अहमद ने बताया कि यहां आकर दिल को बहुत तसल्ली महसूस हुई है. यहां काफी अच्छी किताबें हैं. कुछ ऐसी किताबें भी हैं, जिनके बारे में हमने सुना तक नहीं था, जब यहां आए तो पता चला कि ये कितनी नायाब हैं. इससे लोगों को हजरत मोहम्मद साहब के बारे में जानकारी मिलती है. यहां दुनिया भर की हर भाषा में कुरान की लिखी हुई किताबें मौजूद हैं.

हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश पर लगाई प्रदर्शनी

मौलाना आजाद लाइब्रेरी की पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर निशात फातिमा ने बताया कि यह प्रदर्शनी हजरत मोहम्मद साहब के पैदाइश के मौके पर लगाई गई है. उन्होंने बताया कि जितनी भी किताबें पैगंबर मोहम्मद साहब पर मौजूद हैं. उसको यहां डिस्प्ले किया गया है. जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू की पांडुलिपियां आदि प्रदर्शनी में लगाई हैं. जर्मन, रूस में लिखी हुई कुरान भी मौजूद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें