Prayagraj: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा के मौके पर संगम में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर शनिवार से ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया और रात में शुभ मुहूर्त के साथ ही आस्था का सैलाब पवित्र स्नान को उमड़ पड़ा. संगम समेत गंगा के 17 घाटों पर श्रद्धालु माघी पूर्णिमा पर स्नान की डुबकी लगा रहे हैं.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक इस बार माघी पूर्णिमा पर आयुष्मान योग और सौभाग्य योग का संयोग इसे बेहद खास बना रहा है. वहीं रवि पुष्य योग और स्वार्थ सिद्धि योग के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. एक साथ चार महायोगों के मिलन पर तीर्थराज प्रयागराज में पवित्र स्नान का पुण्य कई गुना ज्यादा मिलता है. पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ शनिवार रात 9:29 बजे से हो गया, वहीं इसका समापन आज रात 11:58 मिनट पर होगा. पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा हैं, जो मन के कारक हैं. पूर्णिमा व्रत से मन की चंचलता दूर होती है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन देवी-देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. इसके साथ ही संगम की रेती पर एक महीने से चल रहे कल्पवास का समापन भी माघ पूर्णिमा पर हो गया. कल्पवासी शिविरों में शनिवार से ही घर वापसी की तैयारी होने लगी थी, लोग एक दूसरे से मिलकर उन्हें कल्पवास पूरा करने की शुभकामना दे रहे थे.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के अनुसार आज माघ मास की पूर्णिमा पर हर व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के मुताबिक दान अवश्य करना चाहिए. आज के दिन किए गए दान-पुण्य का विशेष महत्व है. आज वस्त्र, तिल, खाना, गुड़, धन, कंबल गो आदि का दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और ईश्वर की कृपा बनी रहती है. साथ ही इस तिथि पर पितरों को तर्पण कर श्राद्ध करने से शुभ फल मिलता है. इस दिन किया गया स्नान सभी पाप और संताप का नाश करते हैं और सभी रोग दूर होते हैं.
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जो लोग किसी कारणवश माघ पूर्णिमा की तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने नहीं पहुंच सके हैं, वह अपने आसपास किसी नदी या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. स्नान और दान के वक्त ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ का मानसिक जप करते रहना चाहिए. सूर्य को जल दें और सूर्य मंत्रों का उच्चारण करें. इसके बाद पूर्णिमा तिथि के व्रत का संकल्प लें और श्रीहरि की माता लक्ष्मी के साथ पूजा करें. दोनों की पूजा विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. पूजा में माता लक्ष्मी को खीर का भोग अवश्य लगाएं. इसके बाद दोपहर के समय दान अवश्य करें.
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परिवार में खुशहाली के एि एक थाली में थोड़ा-सा गेहूं का आटा, गुड़, घी और कोई एक मौसमी फल रखकर किसी ब्राह्मण को दान करें.
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विष्णु भगवान को पंचामृत का भोग लगाएं. ऐसा करने से पॉजिटिव सोच वाले व्यक्तियों से आपका संपर्क बढ़ेगा.
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करियर में सफलता के लिए भगवान विष्णु को प्रणाम करके माघ महीने का माहात्म्य अवश्य पढ़ें.
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आज घर में सौभाग्य बीसा यंत्र की विधि-पूर्वक स्थापना करने से सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
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सुयोग्य संतान के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ-व्रत करें. मंदिर में तिल से बने लड्डू का दान करें.
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आरोग्य जीवन के लिए आज बरगद की जड़ में जल चढ़ाएं. साथ ही उसकी जड़ से थोड़ी-सी मिट्टी लेकर मस्तक पर तिलक लगाएं.
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अगर आप जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं, तो आज के दिन किसी जरूरतमंद को ऊनी वस्त्र भेंट करने चाहिए.
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आर्थिक उन्नति के लिए सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधि-पूर्वक धूप-दीप आदि से पूजा करें और शाम के समय चंद्रदेव को अर्घ्य दें.
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जीवनसाथी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए विष्णु भगवान की पूजा करके तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें.