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Paush Purnima के दिन माता लक्ष्मी पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर हल्दी से करें तिलक,जानें इस दिन के स्नान का महत्व

Paush Purnima 2022 : पौष मास की पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है. धर्मग्रंथों में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है. पौष पूर्णिमा के दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान का विशेष महत्व है.

प्रयागराज. पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है और इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है. धर्मग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है. पौष पूर्णिमा के दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान का विशेष महत्व है.

पौष पूर्णिमा का महत्व

राजेन्द्र पालीवाल अध्यक्ष प्रयाग धर्म संध ने बताया कि पौष सूर्य देव का माह कहलाता है. इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है. चूंकि पौष का महीना सूर्य देव का माह है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है. अतः सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है.

1. पौष पूर्णिमा के दिन चावल का दान करना शुभ होता है. चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से चंद्रमा की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है.

2. पौष पूर्णिमा के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर कुश हाथ में लेकर स्नान करना चाहिए.

3. पौष पूर्णिमा पर भी पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है. सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें.

4. पौष पूनम पर भी पति-पत्नी चन्द्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य ही दें. इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है.

5. पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम:”अथवा “ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:’ मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए. इससे आर्थिक समस्या खत्म होती है.

6.पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें. अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस उपाय से घर में धन की कमी नहीं होती है. हर पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर लक्ष्मी जी के सामने रखकर उन पर हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखें. लक्ष्मीदेवी की कृपा बनी रहेगी.

7. पौष पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगंधित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए. धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें.

8. पौष पूर्णिमा की रात में चंद्रोदय पर अपने घर के मंदिर में धन लाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख रखें. इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए.

9. 17 जनवरी सोमवार को पूरे दिन पूर्णिमा है, लेकिन सुबह 4:30 से दोपहर 1 बजे तक अधिक शुभ है.

रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज

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