अररिया जिला मुख्यालय अंतर्गत एक मात्र सदर अस्पताल में आये दिन अस्पताल कर्मियों की लापरवाही व मनमानी का मामला प्रकाश में आता रहा है. कभी किसी आशा कर्मियों द्वारा निजी क्लिनिक में प्रसव कराने के नाम पर हजारों की ठगी तो कभी महज एक इंजेक्शन के बदले 20 रुपये का मांगा जाना अस्पताल में प्राइवेट तौर से काम रहे कर्मियों का नियति बन गया है. लेकिन अस्पताल प्रशासन इस ओर जरूरी पहल नहीं कर रही है.
वहीं बुधवार की देर संध्या 08 से 09 बजे के बीच अस्पताल के तीन नर्स द्वारा प्रसव कराने आयी महिला के परिजन के साथ बदतमीजी से पेश आयी व उस सरकारी कर्मचारी के साथ डांट-फटकार भी किया. प्रसव कराने आयी महिला फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के समीप गुदरी मोहल्ला वार्ड संख्या 13 निवासी खुशबू बेगम पति मो इमरान अंसारी के साथ आये उसके परिजनों ने बताया कि खुशबू को फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल से सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
बुधवार की संध्या में महिला को प्रसव वार्ड में एडमिट कराया गया. इसके कुछ ही देर के बाद शौचालय जाने को हुई. उसे अकेले शौचालय जाना पड़ा. जहां उसका प्रसव हो गया व खुशबू बेगम बेहोश होकर गिर पड़ी. साथ ही नवजात शिशु ने शौचालय में ही दम तोड़ दिया. इन दोनों को देखने वाला कोई वहां मौजूद नहीं था.
जब इन सब बातों की जानकारी मिली तो उक्त महिला के अररिया के रिश्तेदार नप जमादार मो शहजाद ने इसकी जानकारी लेनी चाही व ड्यूटी पर तैनात नर्स से जानकारी लेना चाहा तो मो शहजाद के अनुसार मौजूद तीन नर्स ने मामले की जानकारी न देते हुए उनके साथ बेहद गलत ढंग से बर्ताव किया व बुरा-भला भी किया. हंगामा बढ़ा तो नर्स मौके पर पहुंची व नवजात को मृत बताया व प्रसूता की हालत सामान्य बताकर प्रसव वार्ड से निकल बाहर निकल गई.
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सदर अस्पताल अररिया के प्रबंधक विकास आनंद ने कहा की प्रसूता को सही इलाज हो रहा था. प्रसूता को खून की कमी थी, इसके लिए खून का व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद चिकित्सक प्रसूता को स्लाइन कर रहे थे. खून की व्यवस्था नहीं होती तो रेफर किया जाता. इस बीच प्रसूता शौचालय गयीं व उसे प्रसव हो गया. बावजूद मामले की जांच की जा रही है, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.