बिहार में चुनावी महासंग्राम की तैयारी शुरू हो चुकी है. एआईएमआईएम के चीफ सांसद असदुद्दीन ओवैसी बिहार के सीमांचल पहुंचे और यहां चुनावी बिगुल को फूंका. AIMIM प्रमुख शुक्रवार को किशनगंज पहुंचे थे. ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के पौआखाली नगर स्थित ऐतिहासिक मेला ग्राउंड में आयोजित सभा को उन्होंने संबोधित किया. सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. किशनगंज से फिर एकबार विधायक अख्तरुल ईमान ही उम्मीदवार होंगे. इसकी घोषणा असदुद्दीन ओवैसी ने कर दी है.
CAA को लेकर भी साधा सरकार पर निशाना
किशनगंज पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजनीति से देश के मुसलमानों को दूर कर दिया है. देश में फिरकापरस्त ताकतों का बोलबाला सिर चढ़कर बोल रहा है. प्रधानमंत्री देश के सबसे बड़े पुजारी बन गए हैं. केंद्र की सरकार देश की संविधान को धज्जियां उड़ा रही है. उत्तराखंड में सौ साल पुराने मदरसा को आग में झोंक दिया गया. उत्तराखंड में सीएए कानून लागू कर दिया गया जिसका कोई औचित्य नहीं था. देश में अकलियतों के मसले को आज पार्लियामेंट में उठाने वाला कोई नहीं है. अकलियत खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा हैं.
बाबरी मस्जिद का भी छेड़ा राग
असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद का भी राग छेड़ा और कहा कि बाबरी मस्जिद मसले पर देश की सेक्युलर पार्टियां कांग्रेस और राजद आज खामोश बैठी हैं. अकलियतों पर हो रहे जुल्मों सितम की लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ने वाला आज सिर्फ और सिर्फ असदुद्दीन ओवैसी ही है. वहीं ओवैसी ने सीएम नीतीश कुमार पर भी हमला बोला और उनकी तुलना गिरगिट से कर दी. ओवैसी ने सीमांचल की बदहाली के लिए कांग्रेस- राजद और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए सेक्युलरिजम और विकास के नाम पर आजतक ठगने का आरोप लगाया है.
जातीय गणना पर खड़े किए सवाल
बिहार में जाति गणना पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस सीमांचल में सुरजापुरियों की आबादी 24 लाख है जिन्हे 36 हजार नौकरियां मिलनी थी लेकिन यहां पंद्रह हजार तीन सौ पचास नौकरियां ही बिहार सरकार देने का काम किया है. शेरशाहवादियों की भी नौकरी बिहार सरकार ने छीन ली है, उर्दू शिक्षकों की बहाली नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है सीमांचल के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर के विधायक अख्तरुल ईमान को वोट देकर संसद भेजें ताकि आपका तथा सीमांचल का हक आपको मिल सके.
किशनगंज में AIMIM देती रही कड़ी टक्कर
बता दें कि AIMIM ने सीमांचल में तेजी से अपने पांव पसारे हैं. खासकर किशनगंज सीट पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण रही है. पिछले चुनाव में भी पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को मैदान में उतारा था और सम्मानजनक वोट हासिल किए थे. ईमान 2 लाख 95 हजार 29 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे. जबकि बिहार में किशनगंज ही एकमात्र ऐसी सीट रही थी जहां विपक्ष ने जीत का स्वाद चखा था. कांग्रेस उम्मीदवार को यहां जीत मिली थी. जिन्हें 3 लाख 67 हजार 17 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर एनडीए की ओर से जदयू उम्मीदवार रहे थे जिन्हें 3लाख 32 हजार 551 वोट हासिल हुए थे.