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Abhijeet Mukhopadhyay

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सराहनीय है मुफ्त राशन योजना का विस्तार

अभी भी असंगठित क्षेत्र और छोटे उद्यमों के क्षेत्र में वह स्थिति नहीं बन सकी है, जैसी महामारी से पहले थी. यही कारण है कि बड़ी संख्या में गरीब आबादी को काम के मौके नहीं मिल पा रहे हैं. इसके अलावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमजोरी को पूरा ठीक नहीं किया जा सका है.

जनकल्याणकारी योजनाओं से घटी है गरीबी

नीति आयोग के बहुआयामी निर्धनता में कमी आने की रिपोर्ट का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इससे पता चलता है कि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ निचले तबके तक पहुंच रहा है

जीडीपी की वृद्धि दर उत्साहजनक है

अर्थव्यवस्था में सुधार की सबसे बड़ी वजह यह है कि जो बड़े उद्योग या कारोबार हैं, वो संकट से तेजी से बाहर आ गये हैं, उन्होंने अपना मुनाफा बढ़ा लिया है. मगर इसके लिए कंपनियों ने छंटनी और कर्मचारियों के वेतनों में कटौती जैसे उपाय अपनाये. ऐसा सारी दुनिया में हो रहा है और भारत उससे अलग नहीं है.

बड़ी चुनौती भी है बड़ी आबादी

हमें अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के लिए तेजी से सक्रिय होना पड़ेगा. एक तो कामकाजी लोगों में कौशल विकास पर ध्यान देना होगा और दूसरे, जो बच्चे और किशोर हैं, उनकी अच्छी शिक्षा की व्यवस्था करनी पड़ेगी.

उत्तर प्रदेश के विकास को नयी गति

यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि अगर पूर्वांचल में औद्योगिक विकास होता है, तो उसका कुछ लाभ उस हिस्से से सटे बिहार के जिलों को भी मिलेगा. निवेश समझौतों में 45 प्रतिशत प्रस्ताव दिल्ली से सटे हिस्सों को लेकर हैं

आर्थिक समीक्षा में आशावादी तसवीर

समीक्षा में मुद्रास्फीति को लेकर भी चिंता जतायी गयी है. इसमें सुधार की बहुत अधिक गुंजाइश नहीं दिख रही है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्त होने के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं.

विदेशी निवेश के अनुकूल संसाधन

बड़े पर स्तर आत्मनिर्भरता की पहल को बढ़ावा देना आज की जरूरत है. कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में जैसी स्थितियां पैदा हो गयी हैं

अर्थव्यवस्था में और सुधार जरूरी

अभी तक सरकार ने जो पैकेज दिया है, उसमें उपभोक्ता मांग का हिस्सा बहुत कम है. प्रत्यक्ष लाभ के लिए आठ लाख करोड़ के पैकेज की जरूरत है़

अर्थव्यवस्था की दिशा में जरूरी पहल

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज, अन्न योजना, रिजर्व बैंक के उपायों के साथ आत्मनिर्भर भारत योजना के तीनों हिस्सों को जोड़ दें, तो यह लगभग तीस लाख करोड़ का है.
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