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Abhijeet Mukhopadhyay

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रोजगार गारंटी व आय की पहल

न्यूनतम आमदनी की चर्चा में सबसे पहले गरीबी रेखा के बारे में विचार करना चाहिए. वर्तमान में इसके बारे में कोई आकलन नहीं है.

मुद्रास्फीति से अभी राहत नहीं

अभी भी रेपो रेट महामारी से पहले की दर से कम है, पर वृद्धि का अर्थ यह भी है कि सस्ते कर्ज की नीति में बदलाव हुआ है.

प्रोफेसर अभिजीत सेन : एक विलक्षण अर्थशास्त्री

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के गलियारे उसके सम्मानित शिक्षकों की कहानियों से भरे पड़े हैं. इनमें अधिकतर कहानियां व किंवदंतियां प्रोफेसर अभिजीत सेन के बारे में हैं.

नियंत्रण में है भारत का विदेशी कर्ज

कर्ज चुकाने के लिए किसी भी देश के पास समुचित मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार होना चाहिए. साल 2008 में कुल कर्ज की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार का अनुपात 138 प्रतिशत हो गया था, जो 2014 में गिर कर 68.2 प्रतिशत हो गया था, लेकिन 2021 में यह 100.6 तथा 2022 में 97.8 प्रतिशत पहुंच गया.

शहरों के संतुलित विकास पर हो ध्यान

शहरों के कामकाज और विकास में होने वाले खर्च का तीन-चौथाई से अधिक हिस्सा केंद्र और राज्य सरकार से आता है. शहरी निकाय संपत्ति कर जैसे कुछ स्रोतों से 15 प्रतिशत के आसपास जुटा पाते हैं.

मुफ्त राशन का फैसला सराहनीय

मुफ्त राशन वितरण के इन दो कार्यक्रमों से लगभग 81.35 करोड़ लोगों को लाभ होने का अनुमान है. लाभार्थियों की बड़ी संख्या, जो हमारी अनुमानित वर्तमान जनसंख्या का कमोबेश 58 प्रतिशत हिस्सा है.
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