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Abhijeet Mukhopadhyay

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Budget 2024 : रोजगार बढ़ाने पर मुख्य ध्यान

देश की बड़ी कंपनियों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण देने तथा सरकार द्वारा प्रशिक्षुओं को वृत्ति देने की बात सराहनीय है.

शेयर बाजार में मौजूदा हलचल के मायने

शेयर बाजार का निफ्टी 50 सूचकांक बढ़ता है, तो वोलाटिलिटी इंडेक्स नीचे का रुख करता है. जब वोलाटिलिटी इंडेक्स नीचे जाता है, तो शेयर बाजार में तेजी का माहौल देखने को मिलता है.

मूल्य स्थिरता पर रिजर्व बैंक का जोर

समस्या यह है कि खाद्य मुद्रास्फीति घटने का नाम नहीं ले रही है. इस मुद्रास्फीति में सबसे बड़ा कारक सब्जियों के दाम हैं. पिछले साल मौसम की गड़बड़ी के कारण खेती के उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ा था.

समुचित मेहनताना सुनिश्चित करना जरूरी

बढ़ोतरी के बाद मनरेगा श्रमिक के लिए हरियाणा में सर्वाधिक 374 रुपये और अरुणाचल प्रदेश एवं नागालैंड में सबसे कम 234 रुपये मजदूरी का निर्धारण हुआ है.

आर्थिक समीक्षा से बढ़ीं उम्मीदें

समीक्षा में यह आशा जतायी गयी है कि अगले तीन साल में भारतीय अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डॉलर की हो जायेगी और 2030 तक इसके सात ट्रिलियन डॉलर तक होने की भी संभावना है. वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों को देखते हुए भविष्य में वृद्धि और मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड़ने की आशंकाओं का उल्लेख भी किया गया है.

बनी रहेगी अर्थव्यवस्था में वृद्धि

एनएसओ ने अपने पहले अग्रिम आकलन में बताया है कि वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहेगी. पिछले साल यह आंकड़ा 7.2 प्रतिशत रहा था. इस अनुमान से इंगित होता है कि वृद्धि की उत्साहजनक गति बनी रहेगी.

बढ़ती अर्थव्यवस्था ने बढ़ायीं उम्मीदें

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में बजट में अनुमानित राजस्व के आधे से अधिक हिस्से को हासिल कर लिया है तथा खर्च को भी आधे से कम के स्तर पर रखा गया है. इससे केंद्र को 5.9 फीसदी के अपने कुल वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.

शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी के मायने

भारतीय शेयर बाजार में इस साल लगातार रिकॉर्ड बढ़त होती रही है. इस कारण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यह निवेशकों की पहली पसंद बन गया है. बीएसइ के सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक लगातार अपना रिकॉर्ड तोड़ते रहे हैं. कुल मिलाकर, इस साल अब तक भारतीय स्टॉक मार्केट में 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.

उपभोक्ता ऋण पर रिजर्व बैंक की सक्रियता

हालांकि उपभोक्ता ऋण खंड अभी तक कुल ऋण वितरण में प्रमुख खंड नहीं है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह ऐसा बन सकता है. इसकी असुरक्षित प्रकृति हमेशा चुकौती में अनिश्चितता की ओर ले जाती है.
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