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अभिषेक रंजन

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लोहिया के विचारों को समझने की जरूरत

डॉ राम मनोहर लोहिया को गुजरे 56 वर्ष हो गये, लेकिन आज भी इस तरह की गिरफ्तारियां हो रही हैं. सरकारों का विरोधी स्वरों को दबाना और उन्हें जेल में डालना उतना हैरतंगेज नहीं है, जितना परेशान करने वाली है ऐसे मामले में देश की चुप्पी

मौलिक चिंतक थे डॉ राममनोहर लोहिया

डॉ लोहिया को भारत में जिस रूप में भी याद किया जाता हो, लेकिन गोवा में उन्हें मुक्ति योद्धा का दर्जा हासिल है. जिस श्रद्धा से अपने देश में महात्मा गांधी को स्मरण किया जाता है, उसी आदर भाव से गोवा में डॉ लोहिया को याद किया जाता है.

डॉ राम मनोहर लोहिया का अटूट रिश्ता झारखंड से भी था , खरसावां गोलीकांड...

डॉ राममनोहर लोहिया जयंती: आज समाजवादी चिंतक डॉ राममनोहर लोहिया की 112वीं जयंती है. उनके निधन को 55 वर्ष गुजर गये. लेकिन उनका व्यक्तित्व इतना विराट और विलक्षण था कि पांच दशक बाद भी उन्हें शिद्दत से याद किया जाता है.

डॉ लोहिया के ‘उर्वशीयम अभियान’ का स्मरण

डॉ लोहिया ने उर्वशीयम नाम का इस्तेमाल मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व के सीमावर्ती इलाकों के लिए किया, जिनकी सीमा चीन, भूटान और म्यांमार (तब बर्मा) से लगती थी. दक्षिण में इसकी सीमा असम और नगालैंड से लगती थी. इसे ही पहले नेफा कहा जाता था. यह आज का अरुणाचल प्रदेश है.
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