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अजीत रानाडे

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दुनिया की राजनीति को प्रभावित करेंगे ट्रंप, भारत पर होगा ये असर

Donald Trump बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुनाव के अपने अभियान में कहा था, 'मेरी नौकरी बेंगलुरु चली गयी है'. उन्होंने यह भी कहा था, 'बेंगलुरु को ना और बफलो को हां.' इस धारणा ने ट्रंप समर्थकों को क्षुब्ध कर दिया कि नौकरियां आउटसोर्स हो रही हैं. हालांकि यह भ्रांत धारणा है, क्योंकि हर आउटसोर्स नौकरी अमेरिका को ज्यादा कुशल बनाती है और उसे ज्यादा ज्यादा लाभ देती है.

उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती आर्थिक चुनौतियां

Recessio In Global Economy : एक और पहलू जो विनिर्माण क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, वह है कौशल की कमी. इस साल के शुरू में ताइवान के विदेश मंत्री ने भारत को आगाह किया था कि अगर वह सेमीकंडक्टर निर्माण में निवेश आकर्षित करना चाहता है, तो उसे कुशल इंजीनियरों की कमी को दूर करना चाहिए.

बुनियादी आमदनी की ओर बढ़ते कदम

Poverty and income inequality : सीधा खाता हस्तांतरण की वेबसाइट के अनुसार, 53 मंत्रालयों की 315 योजनाएं केवल केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं. इन योजनाओं में अब तक 38 ट्रिलियन रुपये वितरित किये जा चुके हैं, जिनमें तीन ट्रिलियन रुपये पिछले वित्त वर्ष में ही बांटे गये हैं. साल 2023-24 में नगदी पाने वाले यूनिक लाभार्थियों की कुल संख्या लगभग 70 करोड़ थी.

कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा आवश्यक

सुरक्षा का यह अभाव कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावित करने वाले कारकों में एक है. भारत जी-20 समूह के उन देशों में है, जहां कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी दर सबसे कम है. वर्ष 2004 में यह लगभग 30 प्रतिशत थी, जो घटकर 2017 में 20 प्रतिशत हो गयी.

अराजकता की गिरफ्त में बांग्लादेश

Bangladesh Violence : साल 1971 के स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों के परिजनों के लिए आरक्षण के प्रावधान को फिर से लागू करना विरोध प्रदर्शनों का तात्कालिक कारण बना. यह आरक्षण 1972 में लागू हुआ था और यह 30 प्रतिशत था. बाद में यह बढ़ता हुआ लगभग 56 प्रतिशत हो गया.

रोजगार और छोटे कारोबार को बढ़ावा

कौशल विकास में मुख्य चुनौती यह है कि प्रशिक्षण चाहने वाले अधिकतर युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते. साथ ही, अधिकांश कौशल काम करते हुए ही सीखा जाता है.

समृद्धि के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश जरूरी

यह केंद्रीय बजट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सातवां बजट होगा. उल्लेखनीय है कि करदाताओं का एक रुपया भी संसद की मंजूरी के बिना खर्च नहीं किया जा सकता है. बजट की तैयारी के दौरान कई समूहों से विचार-विमर्श किया गया है.

गौरवशाली भारत के निर्माण की योजना

भारत की प्रतिव्यक्ति आय को उच्च मध्य आय श्रेणी (आज के हिसाब से 20 हजार डॉलर प्रति व्यक्ति) में लाना है. इसके लिए अगले 25 वर्षों में राष्ट्रीय आय को दस गुना बढ़ाना होगा.

परीक्षा प्रणाली में बड़े सुधार जरूरी

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) विभिन्न परीक्षाओं के साथ चार बड़ी परीक्षाएं आयोजित करती है- नीट, जेइइ, यूजीसी-नेट और सीयूइटी.
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