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अजीत रानाडे

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बुनियादी आमदनी की ओर बढ़ते कदम

Poverty and income inequality : सीधा खाता हस्तांतरण की वेबसाइट के अनुसार, 53 मंत्रालयों की 315 योजनाएं केवल केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं. इन योजनाओं में अब तक 38 ट्रिलियन रुपये वितरित किये जा चुके हैं, जिनमें तीन ट्रिलियन रुपये पिछले वित्त वर्ष में ही बांटे गये हैं. साल 2023-24 में नगदी पाने वाले यूनिक लाभार्थियों की कुल संख्या लगभग 70 करोड़ थी.

कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा आवश्यक

सुरक्षा का यह अभाव कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावित करने वाले कारकों में एक है. भारत जी-20 समूह के उन देशों में है, जहां कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी दर सबसे कम है. वर्ष 2004 में यह लगभग 30 प्रतिशत थी, जो घटकर 2017 में 20 प्रतिशत हो गयी.

अराजकता की गिरफ्त में बांग्लादेश

Bangladesh Violence : साल 1971 के स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों के परिजनों के लिए आरक्षण के प्रावधान को फिर से लागू करना विरोध प्रदर्शनों का तात्कालिक कारण बना. यह आरक्षण 1972 में लागू हुआ था और यह 30 प्रतिशत था. बाद में यह बढ़ता हुआ लगभग 56 प्रतिशत हो गया.

रोजगार और छोटे कारोबार को बढ़ावा

कौशल विकास में मुख्य चुनौती यह है कि प्रशिक्षण चाहने वाले अधिकतर युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते. साथ ही, अधिकांश कौशल काम करते हुए ही सीखा जाता है.

समृद्धि के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश जरूरी

यह केंद्रीय बजट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सातवां बजट होगा. उल्लेखनीय है कि करदाताओं का एक रुपया भी संसद की मंजूरी के बिना खर्च नहीं किया जा सकता है. बजट की तैयारी के दौरान कई समूहों से विचार-विमर्श किया गया है.

गौरवशाली भारत के निर्माण की योजना

भारत की प्रतिव्यक्ति आय को उच्च मध्य आय श्रेणी (आज के हिसाब से 20 हजार डॉलर प्रति व्यक्ति) में लाना है. इसके लिए अगले 25 वर्षों में राष्ट्रीय आय को दस गुना बढ़ाना होगा.

परीक्षा प्रणाली में बड़े सुधार जरूरी

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) विभिन्न परीक्षाओं के साथ चार बड़ी परीक्षाएं आयोजित करती है- नीट, जेइइ, यूजीसी-नेट और सीयूइटी.

मुख्य प्राथमिकताओं पर ध्यान दे नयी सरकार

रोजगार बढ़ाने के लिए अग्निवीर कार्यक्रम की अवधि को तीन या चार वर्ष और बढ़ाना चाहिए. अधिकारियों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन की अवधि दस वर्ष है,

केरल में अतिथि माने जाते हैं प्रवासी कामगार

केरल के एर्नाकुलम जिले में 85 ऐसे छात्रों की सफलता जिला प्रशासन के समर्थन से चल रही रोशनी नामक पहल के कारण संभव हो सकी है.
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