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अनिल त्रिगुणायत
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Opinion
आतंकवाद को शह देता कनाडा
ध्यान रखना चाहिए कि जिस व्यक्ति की मौत को लेकर हंगामा हो रहा है वह एक घोषित आतंकवादी है. यदि आप उसका समर्थन करेंगे, तो उससे आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि एक वैश्विक समस्या है.
Opinion
कनाडा के रवैये से भारत के साथ बिगड़ेंगे संबंध
हरदीप सिंह निज्जर की मौत आपसी गैंगवार में हुई, लेकिन कनाडा ने उसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा दिया है, और हमारे राजनयिकों को निशाना बनाया है.
Opinion
जी-20 की अलग पहचान बनाता भारत
जो वैश्विक समस्याएं होती हैं, उनके लिए वैश्विक समाधान की जरूरत होती है. दुर्भाग्य से इस समय रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया बंटी हुई है, जिसमें एक तरफ पश्चिमी देश खड़े हैं तो दूसरी ओर रूस और चीन जैसे देश हैं.
Badi Khabar
झूठ से भरी है ओबामा की टिप्पणी
अमेरिका के सबसे बड़े थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने भारत के मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के बारे में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि भारत के 98 फीसदी मुसलमान मानते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होता. यानी, अमेरिका की अपनी ही एजेंसी ओबामा की बातों से अलग रिपोर्ट करती है मगर उसकी चर्चा नहीं होती.
Badi Khabar
बेहतर होते भारत-अमेरिका संबंध
कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हमेशा सीधी रेखा की स्थिति नहीं होती है, हितों के हिसाब से रिश्ते और सहयोगी बदलते रहते हैं. यही वजह है कि शीत युद्ध के दौर में भारत के विरोधी खेमे में खड़ा अमेरिका आज भारत का करीबी सहयोगी बनता जा रहा है.
Opinion
कश्मीर में जी-20 बैठक का कूटनीतिक संदेश
लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में आयोजन कर भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत अपनी संप्रभुता वाले किसी भी क्षेत्र में ऐसे आयोजन कर सकता है.
Opinion
अराजकता की गिरफ्त में पाकिस्तान
शहबाज शरीफ सरकार हालात संभाल नहीं पा रही है. पीटीआइ पार्टी के नेताओं समेत सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेने के बाद भी विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं.
Opinion
अनुचित है पश्चिमी देशों की टीका-टिप्पणी
पश्चिम को मालूम होना चाहिए कि मुस्लिम आबादी के लिहाज से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. यहां मुस्लिम आबादी लगभग उतनी ही है, जितनी पाकिस्तान में. अल कायदा, इस्लामिक स्टेट आदि आतंकी गिरोहों में आप भारत के गिने-चुने लोग पायेंगे. उन समूहों को देश में कोई समर्थन नहीं मिल सका.
Opinion
चीनी बैलून प्रकरण के मायने
एक बड़ी समस्या गुब्बारों की ऊंचाई को लेकर है. इस संबंध में उड्डयन के जो अंतरराष्ट्रीय नियम और समझौते हैं, उनमें बैलूनों को लेकर स्पष्टता नहीं है, लेकिन यह तो स्पष्ट है कि अगर किसी देश की कोई भी वस्तु किसी देश की वायु सीमा में बिना अनुमति के प्रवेश करती है